शाहीन बाग में बच्चे की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, सोमवार को होगी सुनवाई

दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले करीब 50 दिनों से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. इस बीच प्रदर्शन में एक चार महीने की बच्चे की मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. सोमवार को कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा.

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शाहीन बाग में बच्चे की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है.. शाहीन बाग में बच्चे की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है..

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 07 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 10:30 PM IST

  • बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित छात्रा सदावर्ते ने लिखी थी SC को चिट्ठी
  • सोमवार को SC में शाहीन बाग से जुड़ी 2 याचिकाओं पर होगी सुनवाई

दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले करीब 50 दिनों से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. इस बीच प्रदर्शन में एक चार महीने की बच्चे की मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है. सोमवार को कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा.

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दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन के दौरान चार माह के बच्चे की मौत के बाद इस मामले में बहादुरी पुरस्कार से अलंकृत छात्रा जेन गुणरत्न सदावर्ते ने सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी थी. छात्रा जेन गुणरत्न सदावर्ते ने सुप्रीम कोर्ट को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा कि इस तरह के धरने प्रदर्शन में बच्चों को शामिल करने की इजाजत न दी जाए. यह अबोध मासूम बच्चों के जीवन के अधिकार का हनन है. भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में गाइडलाइन बनाए.

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता दिखाते हुए चिट्ठी को याचिका मान कर बच्चे की मौत के मामले को स्वतः संज्ञान लिया है. अब सोमवार को शाहीन बाग में सड़क से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग वाली याचिका के साथ इस मामले पर भी सुनवाई होगी.

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मृतक बच्चे के पिता अरशद ने बताया था कि हम 29 जनवरी को धरना-प्रदर्शन से देर रात वापस आए थे और करीब ढाई बजे बच्चे को दूध पिलाया था. हालांकि जब हम सुबह उठे तो देखा कि बच्चा बिल्कुल खामोश था. इसके बाद हम उसको बाटला हाउस क्लीनिक लेकर पहुंचे, लेकिन वहां हमें बोला गया कि इसे होली फैमिली अस्पताल ले जाओ. हमारी उस अस्पताल में जाने की हैसियत नहीं थी, इसलिए हम बच्चे को अल शिफा अस्पताल ले गए. वहां जब डॉक्टर ने देखा तो कहा कि बच्चे की मौत पहले ही हो चुकी है.

बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने आरोप लगाया था कि अगर मोदी सरकार नागरिकता संशोधन अधिनियम लेकर नहीं आती, तो उनको प्रदर्शन में नहीं शामिल होना पड़ता और उनके बच्चे की मौत नहीं होती. मृतक बच्चे का परिवार बिहार से आता है.

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इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन की वजह से बंद सड़क को खुलवाने के लिए याचिका लगाई गई है. शुक्रवार को इस याचिका पर सुनवाई टालते हुए जस्टिस संजय किशन कौल और के. एम. जोसेफ की बेंच ने कहा कि शाहीन बाग में सड़क बंद होने से समस्या है. अब यहां सवाल यह है कि हम इस मामले को कैसे सुलझाएं?

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