दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन डॉ. जफर उल इस्लाम खान सुर्खियों में बने हुए हैं. उनका लैपटॉप दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कब्जे में ले लिया है. जांच के लिए लैपटॉप को एफएसएल लैब भेजा जाएगा. स्पेशल सेल ने नोटिस देकर लैपटॉप मांगा था.
गौरतलब है कि डॉ. जफर उल इस्लाम खान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा था कि हिंदुस्तान में मुसलमानों के साथ हो रही कथित नाइंसाफी की शिकायत अगर वो लोग अरब देशों से कर देंगे तो जलजला आ जाएगा.
जफर उल इस्लाम ने पोस्ट में, कुवैत का शुक्रिया अदा किया था कि उन्होंने भारतीय मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार का संज्ञान लिया. उनके इस पोस्ट के बाद काफी बवाल मचा था. इस मामले में देशद्रोह की एफआईआर दर्ज है.
हालांकि बाद में उन्होंने माफी भी मांगी थी. उन्होंने अपनी सफाई में कहा था '28 अप्रैल को मेरे पोस्ट में जिसमें मैंने कुवैत को भारतीय मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों पर संज्ञान लेने के लिए शुक्रिया कहा था, जो उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा के संबंध में था, उससे कुछ लोग आहत हुए हैं. मेरा इरादा किसी को आहत करने का नहीं था.'
जफर उल इस्लाम ने कहा, 'मुझे एहसास हुआ कि मैंने गलत समय पर ट्वीट किया, देश मेडिकल इमरजेंसी का सामना कर रहा है, अज्ञात दुश्मन मेरे सामने है. मैं सभी लोगों से माफी मांगता हूं जिन्हें ठेस पहुंची है.'
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बीजेपी नेता ने की थी कानूनी कार्रवाई की मांग
इस मामले में दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव से डॉक्टर जफर उल इस्लाम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी. बीजेपी नेता की ओर से ई-मेल के जरिए भेजी गई शिकायत में कहा गया था कि डॉक्टर खान ने अपनी फेसबुक पोस्ट में सभी हिंदुओं को कट्टरपंथी एवं नफरत फैलाने वाला कहा है.
अरविंद ओझा