दिल्ली नगर निगम ने बकरीद पर जानवारों की कुर्बानी को लेकर फरमान जारी किया है. नगर निगम ने अपने आदेश में कहा कि बकरीद पर केवल वैध स्लॉटर हाउस में ही कुर्बानी दी जाए, नहीं तो पचास हजार तक जुर्माना वसूला जाएगा. नगर निगम चाहता है कि यमुना नदी में जानवरों का खून न जाए और इसके अवशेष खुले में फेंके न जाए.
इससे पहले बकरीद के मद्देनजर बंबई हाई कोर्ट ने प्राइवेट फ्लैट्स और हाउसिंग सोसाइटीज में पशुवध पर रोक लगाई थी. कोर्ट ने मुंबई में जानवरों को अवैध रूप से इधर से उधर ले जाने पर भी प्रतिबंध लगाया था. कोर्ट ने आदेश दिया था कि हर एंट्री पॉइंट्स को चेक किया जाए और आरटीओ इसे लेकर वर्कशॉप आयोजित करें. बकरीद का त्योहार 12 अगस्त को मनाया जाएगा.
इससे पहले पशुओं के हितों के लिए काम करने वाली संस्था PETA ने सभी राज्य सरकारों से मांग की थी कि बकरीद के पर होने वाले पशुओं की अवैध तरीके से कुर्बानी को रोका जाए. पेटा ने कहा था कि पशुओं का वध सिर्फ लाइसेंस वाले बूचड़खाने में ही होना चाहिए.
पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशक, और पशुधन विभाग सहित कई अन्य विभागों को लेटर लिखकर यह अनुरोध किया है कि बकरीद से पहले पशुओं के अवैध व्यापार और हत्याओं को रोकने के लिए सभी संभव कदम उठाए जाएं.
पेटा इंडिया ने कहा था कि गोश्त के लिए पशुओं की हत्या और उनकी कुर्बानी से संबंधित दो मामलों पर 17 फरवरी, 2017 और 10 अप्रैल 2017 के आदेश के द्वारा सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पशुओं का वध केवल आधिकारिक लाइसेंस वाले बूचड़खाने में ही किया जा सकता है. इसलिए नगर निगमों को इस आदेश का पालन कराना ही होगा.'
aajtak.in