आरटीई एक्ट में संशोधन की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि इस एक्ट में संशोधन करके ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के बच्चों को प्राइवेट अनएडेड स्कूल 12वीं तक की पढ़ाई मुफ्त में कराए. अभी ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के बच्चों को आरटीई एक्ट के तहत 14 साल की उम्र तक ही मुफ्त शिक्षा देने का प्रावधान है, यानि वो 8वीं कक्षा तक ही पढ़ाई कर पाते हैं. याचिका में इसे 12वीं कक्षा तक करने की मांग की गई है.
इस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. याचिका में कहा गया है कि गरीब परिवारों के बच्चे नवीं कक्षा के बाद अपनी पढ़ाई आगे जारी नहीं रख पाते क्योंकि प्राइवेट स्कूल उनसे वही भारी फीस वसूल करते हैं जो वो बाकी छात्रों से लेते है.
याचिका में Right of Children to Free and Compulsory Education Act के सेक्शन 12 (1) (c) में बदलाव की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि सरकारी स्कूल हिंदी मीडियम हैं, लिहाजा अंग्रेजी माध्यम से प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई करने वाले ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के बच्चे सरकारी स्कूलों में नवीं कक्षा में फिट ही नहीं हो पाते और ज्यादातर अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ कर घर बैठ जाते हैं.
उनके अभिभावकों के पास इतना पैसा नहीं होता कि वह प्राइवेट स्कूल में उनकी शिक्षा को मोटी फीस भर के जारी रख सकें. इसीलिए आरटीई एक्ट में संशोधन करके प्राइवेट अनएडेड स्कूल्स ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में शिक्षा 12 वीं कक्षा तक दें. इस मामले में अगली सुनवाई 26 सितंबर को होनी है और उससे पहले केंद्र और राज्य सरकार को इस मामले में अपना पक्ष कोर्ट के सामने रखना होगा कि वह आरटीई एक्ट में संशोधन के पक्षधर हैं या नहीं.
परमीता शर्मा / पूनम शर्मा