दिल्ली हाईकोर्ट ने राजद्रोह के आरोपी और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र शरजीत इमाम की याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया है. शरजील इमाम ने दिल्ली हाईकोर्ट में साकेत कोर्ट के 25 अप्रैल 2020 के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें पुलिस को मामले की जांच के लिए ज्यादा समय दिया गया है.
इस मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने पुलिस को जांच के लिए 90 दिन का वक्त और दिया था. साथ ही शरजील इमाम की जमानत अर्जी को भी खारिज कर दिया था. शरजील इमाम ने 90 दिन के अंदर पुलिस जांच पूरी नहीं होने के आधार पर जमानत मांगी थी.
दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में शरजील इमाम ने दलील दी कि मामले की जांच पूरी करने के लिए 90 दिन से ऊपर का वक्त दिल्ली पुलिस को नहीं दिया जाना चाहिए. इस याचिका में यह भी दलील दी गई कि अगर जांच एजेंसी 3 महीने में अपनी जांच पूरी नहीं कर सकी तो आरोपी को कानूनी तौर पर जमानत का अधिकार है.
इसे भी पढ़ेंः शरजील इमाम के खिलाफ विभिन्न अदालतों में मुकदमा चलाने पर रोक से SC का इनकार
वहीं, दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा कि चार्जशीट दाखिल करने में कुछ और वक्त लग सकता है. शरजील इमाम पर यूएपीए लगाया गया है. दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा था कि शरजील इमाम के व्हाट्सऐप और टेलिफोनिक कॉल्स की जांच चल रही है, जिसमें अभी कुछ और वक्त लग सकता है.
दरअसल, शरजील इमाम पर सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप है, जिसकी दिल्ली पुलिस जांच कर रही है. इस मामले में शरजीत इमाम के खिलाफ अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) के तहत भी कार्रवाई की गई है.
इसे भी पढ़ेंः जामिया का छात्र आसिफ गिरफ्तार, यूएपीए के तहत कार्रवाई
पूनम शर्मा