दिल्ली में अध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम पर अपने अय्याशी का आश्रम चला रहे ढोंगी बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित पर लगातार कानून का शिकंजा कसता जा रहा है. गुरुवार को हाई कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस और दिल्ली महिला की आयोग (DCW) की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय पर छापेमारी की गई और पूरे विश्वविद्यालय में तलाशी अभियान चलाया गया. इस मामले की अगली सुनवाई 4 जनवरी, 2018 को होगी. स्वाति मालिवाल ने इस मामले में हाई कोर्ट के रुख का समर्थन किया है.
महिला आयोग को मिले आश्रमों के निरीक्षण की मंजूरी
आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के मसले पर हाई कोर्ट में सुनवाई के बाद मालिवाल ने कहा कि ये बहुत चौंकाने वाला है कि एक या दो नहीं बल्कि ऐसे आठ आश्रम हैं. महिला आयोग ने आग्रह किया है कि दिल्ली में जहां भी ऐसे आश्रम हैं, पुलिस के साथ मिलकर हमें वहां निरीक्षण करने की इजाजत दी जाए. ये पता लगाना भी जरूरी है कि ये कौन बाबा है, जो कम उम्र की लड़कियों को आश्रम में रखता है.
आश्रम से जुड़ी पूरी जानकारी हासिल करने की जरूरत
हाई कोर्ट का बहुत अच्छा फैसला है कि उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने सभी आश्रमों में जांच करने और बाबा को भी पेश होने का आदेश दिया है. स्वाति मालिवाल का कहना है कि ये पता लगाया जाना चाहिए कि जब आध्यात्मिक विश्वविद्यालय रजिस्टर्ड आश्रम नहीं है, ना ही ये कोई विश्वविद्यालय है, तो इसके लिए पैसे कहां से आ रहे हैं, इसका संचालन कौन कर रहा है.
'राम रहीम से भी खतरनाक है ये बाबा'
वीरेंद्र देव दीक्षित के बारे में स्वाति जयहिंद ने कहा, 'ये बाबा तो राम रहीम से भी खतरनाक है. राम रहीम फिर भी लोगों के सामने आता था, लेकिन ये सबकुछ लोगों से छिपकर ही करता था. पड़ोस के लोग बता रहे हैं कि उसे बरसों से देखा तक नहीं गया था.' DCW अध्यक्ष ने बताया कि हाई कोर्ट ने आठ और आश्रम के ब्रांच की पड़ताल का आदेश दिया है.
देश भर में चल रहे आश्रमों का निरीक्षण जरूरी
मालिवाल का कहना है कि आश्रम बंद होना चाहिए. सभी लड़कियों को वहां से निकाल कर उनका पुनर्वास करना चाहिए. उन्होंने कहा, 'हमने पहले भी राम रहीम के मसले के बाद प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था और आज फिर कह रहे हैं कि दिल्ली ही नहीं देश भर में जितने आश्रम हैं, उनमें महिला आयोग को जांच-पड़ताल की इजाजत होनी चाहिए. सरकार को दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर आयोग की एक टीम बनानी चाहिए जो ऐसे आश्रमों का निरीक्षण करे. नाबालिग लड़कियां कैसे आती हैं. चाइल्ड वेल्फेयर कमिटी की जानकारी के बिना ये लड़कियों को कैसे रख सकते हैं. ऐसे हर ठिकाने की जांच होनी चाहिए.'
अय्याश बाबा के पापलोक पर हाईकोर्ट की टिप्पणी
दिल्ली के रोहिणी इलाके में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम पर अय्याशी का अड्डा चलाने वाले ढोंगी बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के खिलाफ केस की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट बिफर पड़ा. कोर्ट को जब रोहिणी के विजय विहार इलाके में स्थित विश्वविद्यालय में छापेमारी करने वाली पुलिस ने वहां कम उम्र की लड़कियों को पिंजड़ों में रखने की बात बताई तो हाई कोर्ट कह उठा कि हम किस युग में जी रहे हैं.
सुरभि गुप्ता / रोशनी ठोकने / पूनम शर्मा