दिल्ली हाई कोर्ट ने 'आप' सरकार के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें फोर्टिस एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टिट्यूट पर सौ करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था. अस्पताल पर आरोप था कि उसने जमीन आवंटन की शर्तों के अनुसार गरीबों का मुफ्त इलाज नहीं किया था.
सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने दलील दी कि वह अस्पताल के पक्ष को फिर से सुनेगी. सरकार ने कोर्ट को बताया कि उनकी विशेष कमेटी ने अस्पताल पर जुर्माना लगाने की अनुमति दी थी. अब कमेटी अस्पताल को दूसरी बार अपना पक्ष रखने का मौका देगी, जिसमें देखा जाएगा कि अस्पताल गरीबों का मुफ्त इलाज कर रहा है या नहीं.
'अस्पताल का पक्ष सुनें और निपटारा करें'
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने अपने नौ जून के आदेश में अस्पताल पर जुर्माना लगाया था. हाई कोर्ट ने इसी आदेश को रद्द करते हुए कहा है कि सरकार की कमेटी दस अगस्त या किसी और तारीख को अस्पताल का पक्ष सुने और उनकी अर्जी का निपटारा करे. इस मामले में अस्पताल ने आरोप लगाया था कि जुर्माना लगाने से पहले उनका पक्ष ठीक से नहीं सुना गया.
स्वपनल सोनल / पूनम शर्मा