दिल्ली में बढ़ा ओजोन प्रदूषण, सेहत के लिए खतरनाक

शहर में पिछले दो हफ्तों में जहरीले ओजोन के स्तर में असामान्य रूप से वृद्धि हुई है. ओजोन का उच्च स्तर न केवल सेहत के लिए नुकसानदेह है, बल्कि पेड़-पौधों को भी क्षति पहुंचाने वाला है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 मई 2013,
  • अपडेटेड 9:06 AM IST

दिल्ली की भीषण गर्मी के बीच एक अन्य खतरे ने दस्तक दे दी है. वैज्ञानिकों की मानें तो शहर में पिछले दो हफ्तों में जहरीले ओजोन के स्तर में असामान्य रूप से वृद्धि हुई है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, ओजोन का उच्च स्तर न केवल सेहत के लिए नुकसानदेह है, बल्कि पेड़-पौधों को भी क्षति पहुंचाने वाला है.

पुणे के भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के गुफरान बेग ने बताया, 'दिल्ली की हवा मुख्य रूप से सूक्ष्म कणों में बढ़ोतरी से प्रदूषित होती है. इसे तब महसूस किया जा सकता है जब किसी दिन दृश्यता कम हो.'

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उन्होंने कहा, 'पिछले तीन सालों से ओजोन का प्रदूषण मापा जा रहा है. लेकिन यह पहली बार है कि ओजोन ने कहर बरपाना शुरू किया है.'

बेग 'सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च' (सफर) के कार्यक्रम निदेशक हैं. इस प्रणाली को राष्ट्रमंडल खेल के दौरान स्थापित किया गया था.

बेग ने टेलीफोन पर बताया, 'दिल्ली में पिछले दो हफ्तों से तापमान में लगातार बढ़ोतरी और बादल रहित धूप के कारण ओजोन के स्तर में वृद्धि हुई है.'

उन्होंने कहा, 'इसे 26 मई को 120 पीपीबी (कण प्रति अरब) तक पहुंच जाने की संभावना है, जबकि इसकी स्वीकार्य सीमा 50 पीपीबी है.'

उन्होंने कहा, 'यह स्तर ब्रॉन्काइटिस, वातस्फीति (एम्फीसीमा) और दमा के मरीजों की हालत और भी बदतर कर सकता है. धरातलीय ओजोन फफड़े की कार्य करने की क्षमता को घटा सकता है. ओजोन के बढ़ते स्तर का लगातार सामना करने से फेफड़े की कोशिकाएं हमेशा के लिए बेकार हो सकती हैं.'

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