दिल्ली सरकार ने सोमवार को जीएसटी मोबाइल वैन की शुरुआत की है. इसका मकसद दिल्ली में जीएसटी से जुड़ी ट्रेडर्स की परेशानियों को सुलझाना होगा. सरकार की तरफ से 6 मोबाइल वैन पूरी दिल्ली के छोटे-बड़े बाजारों में चक्कर लगाएंगी. हर वैन में दो वोलेंटियर के अलावा जीएसटी विभाग के दो अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. जीएसटी मोबाइल वैन रोजाना 18 जगहों पर समस्या सुनेगी, जिसके लिए बाकायदा एक रूट प्लान भी तैयार किया गया है.
'आज तक' की टीम ने कश्मीरी गेट पर जीएसटी मोबाइल वैन जायजा लिया. कश्मीरी गेट से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन और चांदनी चौक जैसे बाजार बेहद नजदीक हैं. यहां से गुजरने वाले कई व्यापारी अपनी समस्या लेकर अधिकारियों से बात करते नजर आए और संतुष्ट जवाब ना मिलने पर हल्का-फुल्का बहस का नजारा भी देखने को मिला.
जीएसटी को लेकर व्यापारियों में अब भी शंका
जीएसटी मोबाइल वैन में व्यापारियों की समस्या सुन रहे असिस्टेंट कमिश्नर रवि ने बताया कि जीएसटी को लेकर व्यापारियों में अब भी शंका है. व्यापारियों को जानना जरूरी है कि ऑनलाइन होने की वजह से समस्या कम हो गई. पॉलिसी से जुड़े सवालों को अधिकारियों के साथ शेयर किया जाएगा. साथ ही जीएसटी विभाग ने एक हेल्प डेस्क भी तैयार किया है. इनवॉइस के फॉर्मेट, स्टॉक की लिमिट, रिफंड और रजिस्ट्रेशन की समस्या का जवाब देने की कोशिश की है.
व्यापारियों के लिए बताया सही कदम
एक व्यापारी का सवाल था कि माल एक्सपोर्ट करने के लिए क्या कागजी करवाई करनी होगी? दुकान में व्यस्त रहने वाले व्यापारियों का मानना है कि जीएसटी मोबाइल वैन आने से दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे और इससे समय भी बचेगा. 'आप' ट्रेड विंग के ब्रजेश गोयल का कहना है कि खुद व्यापारी होने के नाते जीएसटी में कई समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं. बृजेश ने सरकार की पहल को व्यापारियों के लिए सही कदम बताया है. कश्मीरी गेट में ट्रैक्टर पार्ट का व्यापार करने वाले विनय नारंग ने बताया कि वो मोबाइल वैन पर टैक्स से जुड़े सवाल को लेकर पहुंचे हैं. इससे पहले काम में फंसे होने की वजह से जीएसटी की परेशानियों का हल नही ढूंढ पा रहे थे लेकिन अब वैन आने से व्यापारियों में बड़ी राहत है.
पंकज जैन / सुरभि गुप्ता