दिल्ली में दिखेंगे वर्टिकल गार्डन, जानिए कितना कारगर होगा ये कदम

वर्टिकल गार्डन द्वारका- नोएडा मेट्रो पिलर पर आसानी से दिख जाएंगे. इन्हें अब दिल्ली के छोटे- बड़े 11 फ्लाईओवर के खंभों पर भी लगाने की तैयारी चल रही है. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने इस काम को आने वाले चार महीने में ही खत्म करने की कोशिश में है.

Advertisement
प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

केशवानंद धर दुबे / मोनिका गुप्ता / स्मिता ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 25 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 1:09 PM IST

देश की राजधानी में स्थानीय लोगों को यूं तो हर दिन कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन वायु और जल प्रदूषण इसमें सबसे बड़ी समस्या है. वायु प्रदूषण पिछले कुछ सालों में इस कदर बढ़ गया है कि लोगों को सांस से संबंधित कई तरह की बीमारियां झेलनी पड़ रही है. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी दिल्ली की दूषित हवा से परेशान हैं. लेकिन इसी हवा में सांस लेने को मजबूर हैं. बढ़ते प्रदूषण पर काबू पाने की राज्य और केंद्र सरकारों की पुरानी कोशिशें जहां एक तरफ विफल साबित हो रही है तो वहीं दिल्ली सरकार ने वर्टिकल गार्डन लगाने का फैसला लिया है.

Advertisement

क्या है वर्टिकल गार्डन?

वर्टिकल गार्डन कुछ हरियाली के प्रयोगों में से एक हैं. इसके तहत दीवारों पर या फिर पिलरों पर फ्रेम बनाकर छोटे- छोटे गमलों के पौधों को इस तरह से लगाया जाता है कि वे सीधे एक के उपर एक हो जाते हैं और पूरा पिलर या दीवार हरी- भरी नजर आती है. वर्टिकल गार्डन से न सिर्फ प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकता है बल्कि इससे शहर में सुंदरता भी बढ़ती है. सरकारी आंकड़ों में बताया गया है कि दिल्ली में रोजाना 131 टन धूल पैदा होती है. यह धूल ही पर्यावरण के लिए सबसे नुकसानदायक है. वर्टिकल गार्डन बनने से इस धूल को कंट्रोल करने के साथ ही तापमान पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है. ध्वनि प्रदूषण के लिए भी यह साउंड बैरियर के रूप में काम करते हैं.

Advertisement

दिल्ली में कहां- कहां बन रहे वर्टिकल गार्डन?

दिल्ली की दूषित हवा को दुरुस्त करने और दिल्ली को वापस हरा- भरा बनाने के लिए आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय और दिल्ली के स्थानीय निकाय एक साथ मिल कर वर्टिकल गार्डन लगा रहे हैं. आने वाले समय में दिल्ली के मेट्रो पिलर्स और दूसरे प्रमुख पब्लिक प्लेसेस में वर्टिकल गार्डन एक आम बात हो जाएगी. अभी ये वर्टिकल गार्डन द्वारका- नोएडा मेट्रो पिलर पर आसानी से दिख जाएंगे. इन्हें अब दिल्ली के छोटे- बड़े 11 फ्लाईओवर के खंभों पर भी लगाने की तैयारी चल रही है. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने इस काम को आने वाले चार महीने में ही खत्म करने की कोशिश में है. इसमें पहले चरण में सराये काले खा, कालकाजी, एंड्रयू गंज, नेहरू प्लेस, राजा गार्डन और लाजपत नगर के फ्लाईओवर शामिल हैं. दूसरे चरण में दिल्ली के कूड़ा घर और दूसरी प्रमुख बिल्डिंग्स को शामिल किया जएगा. इसी तरह से दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे पर भी बनाए जा रहे हैं.

दूसरे राज्यों में पहले ही तैयार है वर्टिकल गार्डन

दिल्ली के अलावा बेंगलुरु, कोची और पुणे जैसे शहरों ने अब तक ये अनोखी पहल की है. पुणे शहर को हरा- भरा बनाने के लिए मेट्रो के खंभों को गार्डन के रूप में तब्दील किया जा रहा है. पुणे में वर्टिकल गार्डन तैयार करने की कोशिश देश में नई नहीं है. इन गार्डनों में ड्रिप इरिगेशन तकनीक से पानी डाला जाएगा और उसे बार-बार इस्तेमाल किया जाएगा. कुछ जगहों पर हाइड्रोपोनिक्स तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाएगा. पुणे से पहले कोच्चि, गुरुग्राम और बेंगलुरु जैसे शहरों में पहले ही इसे आजमाया जा चुका है. कोच्चि मेट्रो ने जनवरी 2017 में वर्टिकल गार्डन बनाए थे. वहीं गुरुग्राम में वर्टिकल गार्डन रैपिड मेट्रो की शोभा बढ़ा रहे है.

Advertisement

वर्टिकल गार्डन प्रदूषण नियंत्रित करने में कारगर

पर्यावरण विशेषज्ञ वेमलेन्दु का कहना है कि ये सही है कि वर्टिकल गार्डन में लगाए गए पौधे जहलीरी हवा को साफ करने में कारगर हैं. ये जहां भी लगाए गए है वहां के तापमान में भी 1 से 2 डिग्री की गिरावट देखने को मिलती है. लेकिन फिर भी इसके साथ- साथ और भी चीज़ों पर काम करना होगा, जिससे प्रदूषण नियंत्रित हो सके. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में साल में दो बार आस- पास के राज्यों में फसलों के जलने से प्रदूषण की स्थिति पैदा हो जाती है. सबसे हास्यास्पद बात ये है कि सरकार अब तक इस पर कोई ठोस विकल्प लेकर नहीं आई है. बावजूद इसके की ये हर साल होता है. ये केवल दिल्ली की नही पूरे नॉर्थ इंडिया की समस्या है. तो ऐसी स्थिति में केवल वर्टिकल गार्डन पर निर्भर रहना कहां तक सही है इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है.

वर्टिकल गार्डन लगाते समय इन पौधों का करें इस्तेमाल

वर्टिकल गार्डन को लगाते समय पौधों का चयन बेहद जरूरी है. इसमें उन्ही पौधों को इस्तेमाल किया जाना चाहिए जो प्रदूषण को ज्यादा से ज्यादा रोकने में सक्षम हो. इनमें स्पाइडर प्लांट, एस्पेरेगस, फ़र्न, आल्टर नेन्थरा, ग्रीन आल्टर नेन्थरा, ऑक्सि कार्डियम, मनी प्लान्ट जैसे पौधे शमील है. अगर आप अपने घरों में वर्टीकल गार्डन चाहते है तो बाज़ारो में इसके कई विकल्प उपल्ब्ध हैं. इनकी कीमत 800 पर स्क्वायर फिट से शुरू होगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement