दिल्ली हाईकोर्ट के नये ब्लॉक के उद्घाटन के मौके पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल एक ही मंच पर बैठे दिखाई दिए. हालांकि एक मंच पर होने के बावजूद भी न तो अरविंद केजरीवाल और न ही अनिल बैजल एक दूसरे से मुखातिब हुए. इस कार्यक्रम का उद्घाटन समारोह विज्ञान भवन में हुआ.
अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण में कहा कि पिछले 70 साल में कई बार हमारी डेमोक्रेसी पर काले बादल छाए है, लेकिन हमारी ज्यूडिशियरी ने हर बार सही मार्ग दिखाया. देश उनका ऋणि रहेगा. केजरीवाल ने आगे कहा कि हाल ही में कुछ वक़्त से सुप्रीम कोर्ट के आए फैसलों से दिल्ली को सुप्रीम कोर्ट पर गर्व है. हमनें कभी भी दिल्ली हाईकोर्ट को फंड की कमी नहीं होने दी है.
वही क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जजों के बीच मतभेद हो सकते है, लेकिन उन्हें स्टेटमेनशिप से हल किया जाना चाहिए. सरकार का दख़ल ज्यूडिशियरी में नहीं होना चाहिए. केंद्र और राज्य सरकार को ज्यूडिशियरी को मजबूत करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए मदद करनी चाहिए.
मोदी सरकार ने ज्यूडिशियरी में इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए काफ़ी फंड दिया है. हमने पिछले 40 साल में सबसे ज़्यादा जजों की भर्ती की है. अच्छे वकीलों को जज बनने में दिलचस्पी होनी चाहिए.
सबसे आखिर में जब चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा मंच पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि मेरी हालत क्रिकेट कैप्टन जैसी हो गई है जिसे हर हाल में अपनी टीम के साथ खड़े रहना है. इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ ये भी ज़रूरी है कि कोर्ट लिटिगेन्ट्स के लिए भी सुविधाजनक हो. हालांकि इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा हो तो निश्चित ही ये वकीलों और मुवक्किलो के लिए आरामदायक और सुविधाजनक होता है.
पूनम शर्मा / देवांग दुबे गौतम