दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले MCD का तोहफा, घरों में चल सकेंगे छोटे कारखाने

एमसीडी के इस फैसले से अब 112 तरह के ऐसे लघु उद्योग या छोटी फैक्ट्रियां जो प्रदूषण न फैलाते हों, उन्हें चलाने का रास्ता साफ हो गया है. दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने एमसीडी दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह घोषणा की.

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पत्रकारों से बात करते दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी पत्रकारों से बात करते दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी

अंकित यादव

  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:47 AM IST

  • भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने किया ऐलान
  • MCD ने जारी की 112 तरह के उद्योगों की सूची

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी तैयारियों में जुटी है. दिल्ली की आप सरकार एक के बाद एक लोकलुभावन कदम उठा रही है तो भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बाद अब दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने भी जनता को लुभाने के लिए एक दांव चल दिया है. एमसीडी ने घर में लघु उद्योग चलाने की मंजूरी दे दी है.

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एमसीडी के इस फैसले से अब 112 तरह के ऐसे लघु उद्योग या छोटी फैक्ट्रियां जो प्रदूषण न फैलाते हों, उन्हें चलाने का रास्ता साफ हो गया है. दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने एमसीडी दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि अब दिल्ली में छह लाख से ज्यादा परिवारों को राहत मिल गई है. वह अपने घर में छोटा व्यापार या लघु उद्योग करते थे और उन्हें सीलिंग का डर सताता था, लेकिन अब नगर निगम ने इसकी मंजूरी दे दी है. मनोज तिवारी ने कहा कि इसके लिए शहरी विकास मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.

क्या है प्रावधान

नगर निगम की इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ प्रावधान हैं, जिनको पूरा करने वाले लोग ही इसका लाभ ले सकेंगे. घर में लघु उद्योग चलाने के लिए अधिकतम 11 किलो वाट की बिजली का कनेक्शन मिल सकेगा. इसके अतिरिक्त उस उद्योग में नौ से अधिक कर्मचारी नहीं होने चाहिए. नगर निगम ने इसके लिए 112 तरह के उद्योगों की सूची भी जारी कर दी है. जो भी उद्योग प्रदूषण फैलाते हैं, उन्हें नगर निगम मंजूरी नहीं देगा.

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सीलिंग के असंतोष को दूर करने की कोशिश

दिल्ली में सीलिंग के कारण भाजपा का वोटर माने जाने वाले व्यापारी वर्ग में नाराजगी है. एमसीडी के इस फैसले को व्यापारियों की नाराजगी को दूर करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. भाजपा के नेताओं को उम्मीद है कि यह फैसला व्यापारियों की नाराजगी कम करने की दिशा में मास्टर स्ट्रोक साबित होगा.

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