दिल्ली में शून्य पर कांग्रेस, प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा का इस्तीफा

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में मिली करारी हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस दिल्ली में एक भी सीट हासिल नहीं कर पाई है.

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Delhi Election 2020: दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा (फाइल फोटो-PTI) Delhi Election 2020: दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा (फाइल फोटो-PTI)

aajtak.in

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  • 11 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 9:25 PM IST

  • दिल्ली में कांग्रेस एक भी सीट हासिल करने में फेल
  • सिर्फ तीन सीटों पर कांग्रेस बचा पाई है जमानत
  • सत्ता में आम आदमी पार्टी की जोरदार वापसी

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पद से इस्तीफा दे दिया है. दिल्ली में कांग्रेस केवल 3 सीटों पर जमानत बचा पाई है, बाकी सभी सीटों पर कांग्रेस की जमानत तक जब्त हो गई है. कांग्रेस दिल्ली में एक भी सीट बचा पाने में सफल नहीं रही है. हार की जिम्मेदारी लेते हुए सुभाष चोपड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

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कांग्रेस 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में भी एक भी सीट हासिल नहीं कर पाई थी. वहीं भारतीय जनता पार्टी भी केवल 3 सीटें हासिल कर पाई थी. 2020 के चुनाव में बीजेपी 8 सीटें हासिल करने में कामयाब होती दिख रही है. वहीं आम आदमी पार्टी(AA) को 62 सीटों पर जीत मिलती दिख रही है.

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की दिग्गज नेता शीला दीक्षित के बाद से ही कांग्रेस पार्टी दिल्ली में शिथिल पड़ गई थी. कांग्रेस के नेता न तो उतनी सक्रियता से विधानसभा चुनावों में उतरते नजर आए, न ही पार्टी का शीर्ष नेतृत्व दिल्ली चुनाव के लिए गंभीर नजर आया. दिल्ली कांग्रेस की एक बार फिर करारी हार हुई है.

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15 साल सत्ता में रही है कांग्रेस शून्य पर सिमटी

दिल्ली में जिस तरह से कांग्रेस के नेता कैंपेन करते नजर आ रहे थे, उससे चुनाव परिणाम का अंदाजा लोग लगा रहे थे. दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी शीला दीक्षित के नेतृत्व में 15 साल तक सत्ता में रही है. 15 साल सत्ता में रही कांग्रेस एक भी सीट हासिल नहीं कर पाई.

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दिल्ली चुनाव के नतीजे अब आ चुके हैं. आम आदमी पार्टी का उभार बड़े स्तर पर एक बार फिर यह साबित करता है कैंपेनिंग दूसरी पार्टियों की अपेक्षा ज्यादा बेहतर थी. कांग्रेस पूरे चुनाव में एक पार्टी के तौर पर बेहद असफल रही है. कांग्रेस के लिए यह हार ज्यादा बड़ी है.

कैंपेनिंग में पिछड़ी नजर आई कांग्रेस

कांग्रेस में बड़े स्तर पर कैंपेनिंग में कमी दिखी. जहां पार्टी की जीत के बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता अपने दफ्तर में खुशियां मनाते दिखे, वहीं कांग्रेस के दफ्तर में सन्नाटा पसरा रहा. कांग्रेस यह मानकर चल रही थी कम से कम 1 से 3 सीटों के बीच सीटें आ ही जाएंगी, लेकिन कांग्रेस शू्न्य पर सिमटी रही. कांग्रेस को दिल्ली की जनता ने दूसरी बार भी खारिज कर दिया.

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सुभाष चोपड़ा ने ली हार की जिम्मेदारी

दिल्ली कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने हार की जिम्मेदारी ली है. केजरीवाल सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली की जनता को गुमराह करने में सफल रहे. उन्होंने 3 हजार करोड़ रुपये विज्ञापनों में खर्च दिए. सुभाष चोपड़ा ने यह भी कहा कि शीला दीक्षित के 15 साल के कार्यकाल में  जितना काम हुआ, वहां तक कोई भी पार्टी नहीं पहुंच पाई. दिल्ली की हार पर अब कांग्रेस को आत्ममंथन नहीं, नेतृत्व परिवर्तन की जरूरत दिख रही है.

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