दिल्ली महिला आयोग ने मध्य प्रदेश से अपने पति को ढूंढ़ने निकली गीता (नाम परिवर्तित) को उसके पति से मिलवाया. गीता को यह भी नहीं पता था कि उसका पति दिल्ली में कहां रहता है और कहां काम करता है. गीता के साथ उसका 4 महीने का बच्चा भी था.
गीता मध्य प्रदेश से दिल्ली की ट्रेन पकड़कर अपने पति को खोजने के लिए दिल्ली चली आई. गीता बहुत ज्यादा पढ़ी-लिखी भी नहीं है. वह निजामुद्दीन रेलवेस्टेशन पर अपने बच्चे को लेकर भटक रही थी. वहां मौजूद एक एनजीओ में काम करने वाले व्यक्ति ने उसे वहां रेलवे स्टेशन पर अपने ऑफिस में बैठाया और दिल्ली महिला आयोग की हेल्पलाइन 181 पर इसकी सूचना दी.
दिल्ली महिला आयोग की काउंसलर गीता के पास पहुंची, तो उसने बताया कि उसकी दो शादी हुई है. पहले पति ने उसे तलाक दे दिया था, उसके बाद उसके पिता ने उसकी दूसरी शादी राजेश (नाम परिवर्तित) के साथ कर दी. राजेश कुछ दिन मध्य प्रदेश में ही गीता के साथ रहा और फिर उसे अपने मां के घर जाने के लिए बोल दिया और खुद दिल्ली काम करने आ गया. अपने पति को ढूंढ़ने के लिए ही गीता दिल्ली आ गई.
गीता के पास अपने पति का फोन नंबर था, लेकिन उसके पास उसे फोन करने के लिए कोई फोन नहीं था. दिल्ली महिला आयोग की काउंसलर गीता को लेकर जीआरपी पुलिस के पास गई. इसके बाद आयोग की काउंसलर ने गीता के पति को फोन किया और उसके निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन आने के लिए कहा. काफी देर तक जब गीता का पति उससे मिलने नहीं आया, तो उसे दोबारा फोन किया तो उसने फोन नहीं उठाया.
फिर ऐसा लगने लगा कि शायद ही उसका पति उसे लेने आये. शाम हो चुकी थी. जीआरपी पुलिस ने आयोग की काउंसलर से कहा कि यदि उसका पति नही आ रहा है तो गीता को किसी शेल्टर होम में छोड़ दो. कल फिर से इसके पति से बात की जाएगी. काउंसलर ने जीआरपी पुलिस से और इंतज़ार करने के लिए कहा.
घंटो इंतजार के बाद गीता का पति पहुंच गया. जीआरपी और दिल्ली महिला आयोग ने कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद गीता को उसके पति के साथ भेज दिया.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने कहा कि अच्छा रहा कि गीता से एनजीओ का व्यक्ति मिल गया और उसने मदद करने के लिए दिल्ली महिला आयोग की हेल्पलाइन 181 पर कॉल कर दिया. दिल्ली में रेलवे स्टेशन पर ट्रैफिकर्स सक्रिय रहते हैं. गीता उनके हाथों में पड़ जाती तो उसके साथ गलत भी हो सकता था.
दिनेश अग्रहरि / मणिदीप शर्मा