केंद्र सरकार पर राज्यों के साथ भेदभाव और बजट आवंटन में पक्षपात बरते जाने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को उत्तर प्रदेश के सांसदों ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया. इस दौरान कई दूसरे राज्यों के सांसद भी यही आरोप लगाते हुए केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हो गए. जिसके चलते राज्यसभा को दो बार स्थगित करना पड़ा. फिलहाल राज्यसभा को तीसरी बार स्थगित कर दिया गया है.
देश के अलग-अलग हिस्सों में दलितों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार का मुद्दा गुरुवार को लोकसभा में गूंजेगा. सरकार और विपक्ष दोनों ही इस मुद्दे पर बहस के लिए तैयार हैं. उधर वेंकैया नायडू ने कहा कि तिलक, तराजू और तलवार को जूते मारने वाली पार्टी हमें नसीहत न दे.
पीएम पर साधा था निशाना
आजाद ने कहा कश्मीर मुद्दे पर कहा कि पीएम लोकसभा से एक मिनट की दूरी पर रहते हैं लेकिन ये दूरी हजार किलोमीटर में बदल गई है. इसके बाद आजाद ने कहा था कि पीएम अफ्रीका के मसले पर ट्वीट करते हैं, पाकिस्तान के मसले पर ट्वीट करते हैं लेकिन हमारे देश पर वह सदन में बोल तक नहीं रहे. इसके बाद आजाद ने कहा कि देश में दलित भाइयों पर अत्याचार और कश्मीर मुद्दे पर मोदी को संसद ने नहीं सुना, बल्कि उन्होंने तेलंगाना और मध्य प्रदेश से बयान दिए.
माया ने मोदी सरकार को बताया था जिम्मेदार
बीते कुछ समय से देश में दलितों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की घटनाओं से नाराजगी है. गुजरात के ऊना में दलितों की पिटाई, संभल कांड और उत्तर प्रदेश में दलितों के साथ हो रहे अत्याचारों के मामलों को लेकर संसद में हंगामा होने के आसार हैं. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने दलितों पर हो रहे हमलों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. माया ने कहा था कि मोदी सरकार में दलितों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं बढ़ गई हैं.
कांग्रेस ने किया था वॉक आउट
बीती 8 तारीख को संसद में दलितों पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठा था. इस दौरान कांग्रेस ने सदन से वॉक आउट किया था. साथ ही पीएम पर आरोप भी लगाया था कि वे दलित मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी.
हमें नसीहत न दें: वेंकैया नायडू
प्रियंका झा