महाराष्ट्र सरकार ने एक अहम फैसले में दही हांडी महोत्सव के दौरान बनाये जाने वाले गोविंदाओं के मानव पिरामिडों को साहसिक खेल की संज्ञा दी है. साथ ही यह भी कहा है कि 12 साल से कम उम्र के बच्चे इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे.
महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री विनोद तावड़े ने बुधवार को कहा कि सरकार इस खेल में एकता, टीम भावना और अनुशासन को महत्वपूर्ण मानती है. इस लिहाज से यह फैसला किया गया है. मंत्री ने कहा कि 12 से 15 साल की उम्र के लड़के-लड़कियों को उनके माता-पिता से अनुमति लेनी होगी.
कई बार गोविंदाओं के 10 स्तर ऊंचे तक पिरेमिड बनाए जाते हैं. इसमें भाग लेने वालों के गिरने की वजह से चोटिल होने की घटनाओं के कारण इनकी आलोचना भी होती है. तावड़े ने कहा, यह खेल केवल दही हांडी में नहीं खेला जाएगा बल्कि सभी खेल स्पर्धाओं में शामिल होगा.
-इनपुट भाषा
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