लोगों में इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ रहा है, ज्यादातर सर्विस ऑनलाइन हो रही हैं. वीडियो कॉलिंग से लेकर शॉपिंग तक अब लोगों की निर्भरता इंटरनेट पर तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में हैकिंग का भी स्कोप बढ़ रहा है और साइबर क्रिमिनल्स इसका फायदा उठा रहे हैं.
नए फिशिंग कैंपेन शुरू किए जा रहे हैं और पॉपुलर वीडियो कॉलिंग प्लैटफॉर्म से लोगों की संवेदनशील जानकारियां चोरी की जा रही हैं. ये काफी आसानी से हो रहा है, क्योंकि अभी भी कई लोग बिना सोचे समझे ईमेल ओपन कर लेते हैं.
साइबर सिक्योरिटी एजेंसी चेक प्वॉइंट के मुताबिक हर हफ्ते 1.92 लाख कोरोना वायरस से जुड़े साइबर अटैक किए जा रहे हैं. ऐसा पिछले तीन हफ्तों से लगातार हो रहा है.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले तीन हफ्तों में कोरोना वायरस से जुड़े लगभग 20 हजार नए डोमेन रजिस्टर कराए गए हैं. इनमें से 17% डोमेन गलत इरादे से बनाए गए हैं और इन पर संदेह है.
COVID-19 से जुड़े फ्रॉड जब से कोरोना वायरस की शुरुआत हुई है तब से ही शुरू किए जा चुके हैं. गूगल ने कहा है कि सिर्फ एक हफ्ते में 18 मिलियन मैलवेयर और फिशिंग ईमेल भेजे गए हैं जो COVID-19 स्कैम से जुड़े हैं. ये सभी जीमेल के जरिए ही भेजे गए हैं.
कैसे हो रहा है ये फ्रॉड
चेकप्वॉइंट की रिपोर्ट के मुताबिक साइबर क्रिमिनल्स ने हाल ही में WHO जैसा डोमेन बना कर ईमेल भेजे हैं और लोगों को अपने जाल में फंसाया है. इस तरह के ईमेल क्लिक करके कई यूजर्स मैलवेयर डाउनलोड करके प्रभावित हो चुके हैं.
Zoom का फेक डोमेन यूज करके भी हो रही है हैकिंग
ईमेल के अलावा वीडियो कॉलिंग प्लैटफॉर्म को सहारा बना कर साइबर क्रिमिनल्स ऐसा कर रहे हैं. जूम इन दिनों काफी पॉपुलर हो चुका है, और इसके फेक डोमेन बना कर लोगों के पासवर्ड्स चोरी किए जा रहे हैं.
शुरुआत में जूम में कई खामियां थीं जिसका फायदा उठा कर हैकर्स जूम मीटिंग्स की पहचान करके उसमें ऐक्टिव हो सकता था. इतना ही नहीं कई ऐसे उदाहरण भी देखने को मिल रहे हैं जहां हैकर्स जूम या दूसरे वीडियो प्लैटफॉर्म को हैक करके उसमें अश्लील कॉन्टेंट प्ले कर रहे हैं.
कुछ ही हफ्तों के अंदर जूम से जुड़े 2,500 से ज्यादा डोमेन रजिस्टर कर लिए गए. रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 1.5% गलता इरादे से बनाए गए थे, जबकि 13% संदेहास्पद थे. जनवरी से अब तक दुनिया भर में जूम से जुड़े 6,576 डोमेन रजिस्टर किए गए हैं.
फिशिंग की अच्छी बात ये है कि इससे बचने के लिए आपको कोई एडवांस्ड मेथड की जरूरत नहीं होती है. आपको केयरफुल रहना है.
पहले भी बताया है कि किसी भी ईमेल - चाहे वो लॉटरी का हो, बैंकिंग से जुड़ा हो या फिर कोरोना वायरस को लेकर दावा कर रहा है. इसे आप तब तक ओपन नहीं करेंगे जब तक आप 100% श्योर हों की ये ईमेल सही है और ऑथेन्टिक है.
अटैचमेंट वाले ईमेल पर आपको ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. किसी भी वेबसाइट जिस पर आपको संदेह हो उसका डोमेन नेम ध्यान से देखें.
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