लॉकडाउन की मार, अयोध्या में भूख से बेचैन बंदर हो रहे हिंसक

अयोध्या में रामलला की नए मंडप में पधरावनी के मुहूर्त पर मुख्यमंत्री योगी ने अपनी ओर से ग्यारह लाख रुपये की भेंट न्योछावर का चेक ट्रस्ट को भेंट किया था.

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संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 19 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 10:33 AM IST

  • लॉकडाउन से अयोध्या में साधु-संत के साथ बंदरों की भी दिक्कत बढ़ी
  • भूख से बेचैन होकर होने लगे हैं हिंसक, सभी आश्रमों से भोजन मिलना शुरू

कोरोना महामारी के खिलाफ लॉकडाउन अयोध्या में भी सख्ती से लागू हुआ है. आम जनता और साधु-संतों के अलावा अयोध्या में सबसे ज्यादा संकट बंदरों के सामने आया है. वे भूख से बेचैन होकर हिंसक होने लगे हैं. इसे देखते हुए रामनगरी के सभी आश्रमों ने वानरों को अन्न भोजन और फल देना शुरू कर दिया है.

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श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के सदस्य चंपत राय के मुताबिक, विश्व हिंदू परिषद ने भी बंदरों को चने, मक्का व गेहूं खिलाना शुरू किया है. यह सेवा लॉकडाउन तक जारी रहेगी.

चंपत राय ने विश्वास जताया है कि वर्तमान महामारी से बचते हुए आम जन सपरिवार पूर्ण सुरक्षित, स्वस्थ और शांतचित्त रहें. वैसे संपूर्ण अयोध्या जनपद इस रोग से अभी तक मुक्त है. यहां ऐसी जनभावना है कि यह सुखद स्थिति यहां नित्य चलते रहने वाले राम नाम संकीर्तन का प्रभाव है और अयोध्या राम जी द्वारा रक्षित है, लेकिन सुरक्षा के उपाय आमजन के ही हाथों में है. लोग मास्क, सैनिटाइजर का भी इस्तेमाल कर रहे हैं.

चंपत राय ने हाल के दिनों में मंदिर निर्माण कार्य में हुए कामकाज का ब्योरा देते हुए बताया कि अयोध्या में वर्ष 1993 में भारत सरकार द्वारा अधिग्रहित 67 एकड़ भूमि के मौलिक दस्तावेज 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' को अयोध्या मंडलायुक्त ने सौंप दिए हैं.

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नवसंवत्सर के मंगल मुहूर्त में भगवान रामलला के लिए बनाए नए काष्ठमंडप में 25 मार्च की सुबह 5 बजे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विराजित किया. लकड़ी के इस मंदिर की लंबाई 24 फुट, चौड़ाई 17 फुट व ऊंचाई 19 फुट है. इस मंदिर के ऊपर 35 इंच ऊंचा शिखर है.

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वातानुकूलित काष्ठमंडप में रामलला चांदी के सिंहासन पर विराजित हैं. यह सिंहासन अयोध्या राजपरिवार के उत्तराधिकारी विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र ने बनवाकर समर्पित किया है. सिंहासन की लंबाई दो फुट से ज्यादा यानी 25 इंच, चौड़ाई 15 इंच, ऊंचाई 30 इंच है. रजत सिंहासन का वजन 9.5 किलो है.

रामलला की नए मंडप में पधरावनी के मुहूर्त पर मुख्यमंत्री ने अपनी ओर से ग्यारह लाख रुपये की भेंट न्योछावर का चेक ट्रस्ट को भेंट किया था. लॉकडाउन शुरू होने के हफ्ते भर तो सब कुछ सामान्य चला, लेकिन साधुओं, बैरागियों को जब भोजन का अभाव होने लगा तो आश्रमों और स्थानीय प्रशासन, विश्व हिंदू परिषद व श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास की ओर से सरयू तट पर रहने वाले साधु व अन्य निर्धन वर्ग के लिए भोजन सेवा प्रारंभ की गई.

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इसी दौरान रामनवमी को ट्रस्ट ने अपना प्रतीक चिन्ह ( LOGO ) और बैंक खाता सार्वजनिक किया. इसमें कोई भी सहयोग राशि दान कर सकता है. खाते का ब्यौरा इस तरह है-

Bank A/C — “ SHRI RAM JANMBHOOMI TEERTH KSHETRA”( PAN- AAZTS6197B )

State Bank Of India, Naya Ghat, Ayodhya

SB A/C . : 39161495808,

Current a/c- 39161498809,

IFSC CODE : SBIN0002510

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न्यास की ओर से ग्यारह लाख रुपये कोरोना महामारी की रोकथाम और अन्य इंतजाम के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री केयर्स कोष में भेंट किए गए. वहीं, जन्मभूमि पर स्थित भगवान रामलला का पुराना तिरपाल और कपड़े का मंदिर अब हटा दिया गया है.

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