...तो कुछ इस तरह चलता था कॉरपोरेट जासूसी का पूरा धंधा

पेट्रोलियम मंत्रालय से गोपनीय दस्तावेज गायब होने की घटना को ‘कॉरपोरेट जासूसी’ का बड़ा मामला माना जा रहा है, जिसमें बड़े औद्योगिक घरानों के नाम जुड़ गए हैं. लेकिन इसमें शामिल लोगों द्वारा जिस तरीके से दस्तावेज चुराने के काम को अंजाम दिया गया, वह अनाड़ियों जैसा था. इससे ही लम्बे समय से चल रहे उनके गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ.

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हिरासत में आरोपी हिरासत में आरोपी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2015,
  • अपडेटेड 10:39 AM IST

पेट्रोलियम मंत्रालय से गोपनीय दस्तावेज गायब होने की घटना को ‘कॉरपोरेट जासूसी’ का बड़ा मामला माना जा रहा है, जिसमें बड़े औद्योगिक घरानों के नाम जुड़ गए हैं. लेकिन इसमें शामिल लोगों द्वारा जिस तरीके से दस्तावेज चुराने के काम को अंजाम दिया गया, वह अनाड़ियों जैसा था. इससे ही लम्बे समय से चल रहे उनके गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ.

करीब आठ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के तुरंत बाद एक दिन सुबह मंत्रालय का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज एक फोटोकॉपी मशीन पर पड़ा पाया गया. उसके बाद एक निदेशक के कमरे के दरवाजे को संदिग्ध अवस्था में देखे जाने के बाद संदेह और गहरा गया. इन घटनाओं पर उठे संदेह के बाद गोपनीय दस्तावेज मंत्रालय के बाहर ले जाने वालों को धर दबोचने के लिये जांच शुरू की गई. संदिग्ध कॉरपोरेट जासूसी के मामले में अब तक की इस सबसे बड़ी कार्रवाई में अब तक दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

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यह राष्ट्रीय राजधानी में गोपनीय दस्तावेजों को सही तरीके से नहीं रखने का मामला है, जहां अक्सर सरकारी दस्तावेज उस शास्त्री भवन के छोटे कमरों और तंग गलियारों से कॉरपोरेट और उनके लॉबिस्ट के हाथ लग जाते हैं, जहां कई प्रमुख मंत्रालय हैं. जिस तरीके से दस्तावेज चुराने के काम को अंजाम दिया गया, वह हैरान करने वाला है. इसके लिए देर रात नकली चाबी और पहचान पत्र की मदद से कमरे में लोग प्रवेश करते थे. मामले में एक मुख्य आरोपी शांतनु सैकिया का तो यहां तक दावा है कि यह 10,000 करोड़ रुपये का घोटाला है और वह केवल इसको ‘कवर अप’ करने का काम कर रहा था.

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बताया, ‘हमे कुछ असहज लग रहा था फिर सक्षम अधिकारियों को सूचित किया गया.’ हालांकि उन्होंने उन मुख्य घटनाओं के बारे में बताने से मना कर दिया जिससे जांच शुरू की गई. कुल सात कमरों के लिए नकली चाबियां बनाई गई. इसमें विशेष सचिव, दो संयुक्त सचिव और कुछ निदेशक शामिल थे. ये सभी उत्खनन नीति, पेट्रोलियम कीमत और गैस कीमत जैसे संवेदनशील मुद्दों को देख रहे थे. मामले सामने आने के बाद सभी कमरों के ताले बदल दिए गए हैं और मंत्रालय महत्वपूर्ण सूचना के रख-रखाव को लेकर मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन कर रहा है.

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पेट्रोलियम सचिव सौरभ चंद्र ने कहा, ‘कोई भी गोपनीय फाइल या दस्तावेज हाथ में दिए जाएंगे या सील लिफाफे में भेजे जाएंगे.’ इसके अलावा, अन्य मानकों का कड़ाई से पालन किए जाने का फैसला किया गया है. सूत्रों ने बताया कि पिछले साल जून की बात है जब एक संयुक्त सचिव का कमरा खोला गया तो कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज फोटोकॉपी मशीन में पाए गए. मामले की गंभीरता इससे और बढ़ गई कि संबंधित संयुक्त सचिव को गैस कीमत मुद्दे से संबंधित मामले में एक बड़े औद्योगिक घराने का बड़ा आलोचक माना जाता था.

सूत्रों के अनुसार शुरू में मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों को अपने ही कर्मचारियों को संदेह हुआ. उसके बाद सतर्कता और निगरानी बढ़ा दी गई. अधिकारी वाशरूम जाते समय भी अपने दरवाजे बंद करके जाने लगे. लेकिन स्थिति और भी गंभीर हो गयी जब दो महीने पहले एक निदेशक के कमरे का दरवाजा संदिग्ध स्थिति में पाया गया. इसके बाद मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए और निगरानी बढ़ा दी. इसमें पूरे दफ्तर में बड़े पैमाने पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गए. साथ ही जांच एजेंसियों ने निगरानी बढ़ाई और दिल्ली पुलिस ने जाल बिछाया.

पेट्रोलियम मंत्रालय में एस जयपाल रेड्डी के समय मल्टी टास्किंग कर्मचारी के रूप में लाये गये 58 वर्षीय आशाराम तथा उसके सहयोगी 56 साल के इश्वर सिंह ने कथित रूप से महत्वपूर्ण अधिकारियों के कमरों की चाबी बनाई. सूत्रों के अनुसार ये लोग सामान्य रूप से रात में काम करते लेकिन दो महीने पहले उन्होंने तड़के काम किया जब निदेशक के कमरे के दरवाजे साथ छेड़छाड़ की गई. मंत्रालय अभी भी इस बात का पता लगा रहा है कि कैसे उन लोगों ने सात कमरों की चाबियां जुटाई.

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किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा: प्रधान
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने जोर देकर कहा है कि जिन लोगों ने भी व्यवस्था बिगाड़ी है उन्हें दंडित किया जाएगा लेकिन उन्होंने यह भी साफ किया कि सरकार किसी खास कंपनी को निशाना नहीं बना रही है. प्रधान ने यह भी कहा कि उनका मंत्रालय इस बात का पता लगा रहा है कि कहीं गोपनीय सूचनाओं के रखरखाव के मामले में मानक परिचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का उल्लंघन तो नहीं हुआ.

उन्होंने कहा, ‘यह किसी एक के बारे में या किसी एक के खिलाफ नहीं है. हमारे घर में चोरी हुई है और हमने इस चीज का पूरी जांच कराने के लिये योग्य व्यवस्था को संपर्क किया है.’ मंत्री ने कहा, ‘एक चीज साफ है कि यह सरकार किसी को व्यवस्था बिगाड़ने की अनुमति नहीं देगी. यह सरकार उन लोगों को दंडित करने के लिये प्रतिबद्ध हैं जिन्होंने कानून को तोड़ा है.’

भाषा से इनपुट

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