भारत में अब सिर्फ 16 ऐसे जिले, जहां नहीं है एक भी कोरोना केस

कोरोना के केस सभी राज्यों में समान रूप से सामने नहीं आ रहे हैं. यह न सिर्फ ज्यादा जनसंख्या घनत्व, ज्यादा माइग्रेशन वाले बड़े शहरों पर लागू होता है, ​बल्कि राजधानियों और बड़े शहरों पर भी लागू होता है जहां टेस्टिंग पर सबसे ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (PTI) प्रतीकात्मक तस्वीर (PTI)

aajtak.in

  • चेन्नई,
  • 06 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 10:39 PM IST

  • 250 से अधिक जिलों में 100 से कम हैं संक्रमण के मामले
  • बिहार के किसी जिले में 8 फीसदी से अधिक केस नहीं

खतरनाक कोरोना वायरस पूरे भारत में बुरी तरह फैल चुका है. अब देश में कुछ गिने-चुने जिले ही बचे हैं जहां एक भी कोरोना का केस सामने नहीं आया. कम से कम 81 जिले ऐसे हैं, जहां 1,000 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं.

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वेबसाइट “covid19india.org” दिखाती है कि हर भारतीय जिले का विश्वसनीय डेटा हमेशा उपलब्ध नहीं होता. उदाहरण के लिए, दिल्ली ने अपने 11 जिलों के सभी आंकड़ों को सही ढंग से प्रस्तुत नहीं किया है. आंध्र प्रदेश और असम दो अन्य ऐसे राज्य हैं, जहां तुलनात्मक रूप से ज्यादा संख्या में केस हैं, लेकिन जिले के आंकड़े पेश नहीं किए गए हैं और इसलिए उन्हें इस विश्लेषण में शामिल नहीं किया जा सकता.

अब देश में सिर्फ 16 या उससे भी कम जिले ऐसे हैं, जहां एक भी कोरोना का केस नहीं है. ये जिले लक्षद्वीप, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और जम्मू-कश्मीर में हैं. 250 से अधिक जिलों में 100 से कम केस हैं और 143 जिलों में 100 से 200 केस हैं.

दूसरी ओर, कम से कम 70 जिलों ने आधिकारिक तौर पर 1,000 से अधिक केसों की सूचना दी है. दिल्ली के 11 जिलों में से हर जिले में 1,000 से अधिक केस होने की संभावना है. 70 में से कम से कम 14 जिलों में 5,000 से अधिक केस दर्ज हुए हैं. इनमें से ज्यादातर जिले भारत के बड़े शहरों में से एक हैं. दुनिया के सिर्फ 86 देश ऐसे हैं, जहां 5,000 से अधिक केस हैं.

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भारत के अधिकांश राज्यों में ऐसे जिले जहां पर राज्यों की राजधानी मौजूद है, वहां सबसे ज्यादा केस हैं. उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र के 2 लाख केसों में से 42 फीसदी केस सिर्फ मुंबई में हैं. तमिलनाडु के 1.07 लाख केस में से 62 फीसदी केस सिर्फ चेन्नई में हैं.

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लेकिन इसके कुछ अपवाद हैं जो गौर करने लायक हैं. मसलन, उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक केस वाला जिला राजधानी लखनऊ नहीं, बल्कि गौतम बुद्ध नगर है, जिसमें दिल्ली से सटा नोएडा शामिल है. इसी तरह हरियाणा में सबसे ज्यादा केस (35 फीसदी) दिल्ली से सटे गुरुग्राम में हैं. केरल के सबसे ज्यादा इंटरनेशनल माइग्रेशन वाले जिले मलप्पुरम में सबसे ज्यादा केस हैं.

कोरोना के केस सभी राज्यों में समान रूप से सामने नहीं आ रहे हैं. यह न सिर्फ ज्यादा जनसंख्या घनत्व, ज्यादा माइग्रेशन वाले बड़े शहरों पर लागू होता है, ​बल्कि राजधानियों और बड़े शहरों पर भी लागू होता है जहां टेस्टिंग पर सबसे ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. बिहार ऐसा राज्य है जहां कोरोना केस सबसे ज्यादा बिखरे हुए हैं. राज्य में 11,457 केस हैं और सभी जिलों में फैले हुए हैं. राजधानी पटना समेत कोई जिला ऐसा नहीं है, जहां पर राज्य के कुल केस का 8 फीसदी से ज्यादा केस हों.

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तेलंगाना में फिलहाल बड़ी उछाल देखने को मिली है, जो अलग तरह का उदाहरण पेश करता है. यहां पर राज्य के प्रत्येक 10 केस में से करीब आठ केस हैदराबाद में पाए गए हैं. राज्य के पांच जिले ऐसे हैं, जिनमें राज्य के कुल केस का 1 फीसदी से ज्यादा मामले हैं.

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