विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ा बिहार प्रकृति की दोहरी मार झेल रहा है. एक तरफ जहां नदियों का सैलाब सब कुछ बहा ले जाने को आतुर नजर आ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ कोरोना वायरस की महामारी भी कहर ढा रही है. कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए बनाए गए सेंटर्स पर लोगों का हुजूम उमड़ रहा है. अस्पतालों में भी कोरोना संक्रमितों को मुश्किलों से जूझना पड़ रहा है.
बिगड़ते हालात को लेकर चौतरफा घिरी प्रदेश की नीतीश कुमार सरकार अब हरकत में आ गई है. प्रदेश सरकार ने अब टेस्टिंग बढ़ाने का ऐलान किया है. सरकार इसके लिए अब टारगेट टेस्टिंग की तैयारी में है. जानकारी के मुताबिक अब कोरोना के लक्षण वाले लोगों की अनुमंडल के अस्पताल में जांच होगी. कोरोना टेस्टिंग की सुविधा को सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) तक उपलब्ध कराने की तैयारी में है.
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सरकार कोरोना टेस्टिंग की सुविधा पीएचसी में ही उपलब्ध कराने की तैयारी में इसलिए है, ताकि कोरोना के लिए डेडिकेटेड अस्पतालों पर लोड कम किया जा सके. प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों में भी कोरोना के उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारियों को अधिकृत किया गया है. जिलाधिकारियों से ऐसे अस्पतालों को चिह्नित करने के लिए कहा गया है, जिससे कि आवश्यकता पड़ने पर कोरोना संक्रमितों के उपचार की क्षमता बढ़ाई जा सके.
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कोरोना संक्रमण के उपचार के लिए डेडिकेटेड अस्पतालों की निगरानी का दायित्व वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपा गया है. इन अस्पतालों में किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसके लिए कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा. गौरतलब है कि पिछले 24 घंटे में कोरोना से संक्रमण के 1109 नए मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की तादाद 28564 पहुंच गई है.
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राहत की बात यह है कि सूबे में कोरोना संक्रमितों के ठीक होने की रफ्तार अच्छी है. प्रदेश में रिकवरी रेट 65.6 फीसदी है. प्रदेश में पिछले 24 घंटे के दौरान 1206 संक्रमित उपचार के बाद ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हुए. प्रदेश में अब तक कुल 18741 संक्रमित ठीक होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज किए जा चुके हैं.
सुजीत झा