कोरोना संकट विकराल होता जा रहा है और ऐसे में अब लोगों की फिक्र प्राणी उद्यान के जानवरों को लेकर है. जानवरों में कोरोना प्रसार को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई. इस पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबडे ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप कैसे पशुप्रेमी हैं, जब टाइगर उस्ताद केस नहीं जानते हैं.
इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिका में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है, वह गलत है. याचिका में कहते हैं कि हमने अधिकारियों आदि के साथ मिलीभगत करके काम किया. इस पर सीजेआई एसए बोबडे ने कहा कि हो सकता है कि याचिकाकर्ता पशु कल्याण के बारे में बहुत भावुक हों.
इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यहां बाघ की मौत कोरोना के कारण नहीं बल्कि आंतों में संक्रमण से हुई थी. सीजेआई ने कहा कि हम संतुष्ट हैं. हम इस समय बड़े मुद्दों पर नहीं चल सकते. सरकार का कहना है कि वह न्यूयॉर्क में बाघ की मौत के बाद देश में बाघों की देखभाल के लिए एक समिति बनाएगी.
इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि यह कैसे हो सकता है? सरकार का सबमिशन आरटीआई के जवाब के अनुरूप नहीं है. टाइगर की मौत के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था. बाघ के आसपास मौजूद अधिकारियों को क्वारनटीन किया गया है. बाघ को सांस लेने में दिक्कत थी.
सीजेआई एसए बोबडे ने कहा कि हमारी बात सुनो. याचिकाकर्ता ने कहा कि क्षमा याचना, मैं इस मामले में बहुत भावुक हूं. इस पर सीजेआई ने कहा कि यही कारण है कि हम कह रहे हैं कि आप भावुक हैं. हम इस मामले को 4 सप्ताह के बाद सूचीबद्ध करेंगे. यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. हम 4 सप्ताह के बाद आपको सुनेंगे.
सीजेआई एसए बोबडे ने कहा कि जब मैं मध्य प्रदेश का मुख्य न्यायाधीश था, तब मैंने बाघों के संबंध में बहुत सारे मामले सुने थे. टाइगर उस्ताद के बारे में एक मामला था. मुझे पता है मैं किसके बारे में बात कर रहा हूं. इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि जी, उसने हमें बहुत सारी अर्थव्यवस्था लाकर दी.
इसके बाद सीजेआई एसए बोबडे ने कहा कि आपको पूरा मामला याद नहीं है? आप किस तरह के पशु प्रेमी हैं? फिर सीजेआई एसए बोबडे ने कहा कि हम इस याचिका को 4 सप्ताह के बाद सूचीबद्ध करेंगे.
अनीषा माथुर