लॉकडाउन में बाल तस्करी-बाल श्रम का बढ़ा खतरा, SC ने सरकार से मांगी रिपोर्ट

बाल श्रम के मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम इससे अवगत हैं. वेश्यावृत्ति और बाल श्रम के लिए बच्चों की तस्करी की जा रही है. उन्होंने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि क्या यह किया जा सकता है कि आप ठेकेदारों को पंजीकृत करें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसके कर्मचारियों की सूची में कोई बाल श्रम नियोजित नहीं है.

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सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट

अनीषा माथुर

  • नई दिल्ली,
  • 09 जून 2020,
  • अपडेटेड 12:06 PM IST

  • 2 हफ्ते में केंद्र और अन्य संगठनों को SC में देनी होगी रिपोर्ट
  • SC- क्या निजी मदद लेने वाले हर ठेकेदार हो सकते हैं पंजीकृत?
कोरोना संकट के कारण लगे लॉकडाउन में बड़ी संख्या में लोगों का अपने शहरों की ओर पलायन हुआ है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई को लेकर बाल तस्करी और बाल श्रम का खतरा बढ़ गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में सरकार से रिपोर्ट मांगी है.

सुप्रीम कोर्ट ने बाल तस्करी और बाल श्रम के संभावित खतरे पर सुनवाई करते हुए कहा कि हम वही हैं जो उन्हें सस्ते बाल श्रम बाजार में मुहैया कराते हैं. साथ ही देश की सबसे बड़ी अदालत ने सरकार से कहा कि वह बचपन बचाओ आंदोलन से बाल तस्करी और बाल श्रम पर जुड़े आंकड़े हासिल करे.

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क्या ठेकेदार हो सकते हैं पंजीकृत?

साथ ही कोर्ट ने यह भी कि पूछा कि क्या निजी मदद लेने वाले हर ठेकेदार को पंजीकृत किया जा सकता है और निगरानी की जा सकती है.

सुनवाई के दौरान वकील एचएस फुल्का ने बताया कि बड़ी संख्या में बच्चियों को बेचा जा रहा है. बचपन बचाओ आंदोलन ने बंगाल में 136 बच्चियों के बाल विवाह की जानकारी दी है.

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि हम चाहते हैं कि आप कुछ होमवर्क करें. ऐसे तरीके का पता लगाएं, जिसमें अगर कहीं पर एक बच्चा कार्यरत है, तो क्या किया जा सकता है? उन्होंने यह भी कहा कि क्या निजी काम करने वाला हर ठेकेदार भी कहीं पंजीकृत हो सकता है?

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उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला इसलिए है क्योंकि बाल श्रम कराने के लिए बाजार है. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बोबडे ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि इस खतरे को रोकने के उपाय सुझाएं.

हमें शुरुआत करनी होगीः एससी

एनजीओ बचपन बचाओ आंदोलन ने अपनी याचिका में लॉकडाउन के दौरान बाल तस्करी के मामलों में अचानक आई बढ़ोतरी का आरोप लगाया था.

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हां, हम इससे अवगत हैं. वेश्यावृत्ति और बाल श्रम के लिए बच्चों की तस्करी की जा रही है. उन्होंने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि क्या यह किया जा सकता है कि आप ठेकेदारों को पंजीकृत करें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसके कर्मचारियों की सूची में कोई बाल श्रम नियोजित नहीं है.

कोर्ट ने कहा कि केवल पुलिसिंग नहीं करेंगे. हम वे हैं जो सस्ता बाल श्रम होने की वजह से उन्हें एक बाजार उपलब्ध कराते हैं. हमें इसकी ठेकेदारों से शुरुआत करनी होगी.

एसजी तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि वह मिस्टर फुल्का के साथ बैठेंगे और फिर कोई सुझाव दे सकेंगे. इस पर कोर्ट ने केंद्र और अन्य से अगले 2 हफ्ते में रिपोर्ट देने को कहा है.

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