हिंदुस्तान में एक दर्जन से ज़्यादा राज्यों में कोरोना का कहर दस्तक दे चुका है. इस वायरस की चपेट में आने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है. और भारत में जिस मुकाम पर कोरोना आकर खड़ा हुआ है. अगर उसमें ज़रा भी लापरवाही हुई तो फिर तबाही का अंदाज़ा लगाना भी मुश्किल हो जाएगा. क्योंकि हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि हमारी आबादी 130 करोड़ से भी ज़्यादा है. यहां प्रति स्क्वॉयर किमी में 382 लोग रहते हैं, जो कोरोना प्रभावित अमेरिकी और यूरोपीय इलाकों के मुकाबले करीब-करीब दोगुना है. इसलिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार कोशिश कर रही हैं कि कोरोना के तीसरे चरण को आने से कैसे भी रोका जा सके.
भारत के लिए अहम दिन
अगले कुछ दिन हिंदुस्तान के लिए बहुत ज़्यादा अहम है. क्योंकि अब यहां भी कोरोना संक्रमण फैलने की रफ्तार दिखने लगी है. और अगर देशभर में लगे इस लॉक-डाउन का पालन करने में ज़रा भी कोताही बरती गई तो फिर इसे रोक पाना मुमकिन नहीं हो पाएगा. आपको डराना हमारा मकसद बिल्कुल नहीं है. लेकिन आपका आगाह करना बेहद ज़रूरी है. कोरोना वायरस कितना खतरनाक है और इटली में इसने इतनी भयानक तबाही कैसे मचाई. किस तेजी और खौफनाक तरीके से ये वायरस फैला. इसे समझना ज़रूरी है क्योंकि जानकारी ही बचाव है.
वैज्ञानिकों से मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना वायरस के चार चरण यानी स्टेज होती हैं. हमें हर स्टेज को बेहद बारीकी से समझना होगा. ताकि जो गलती चीन, इटली और ईरान के लोगों ने की है, हम उसे करने से बचें.
पहली स्टेज
कोरोना की पहली स्टेज उसे कहते हैं, जब कोरोना से प्रभावित देशों से आने वाले लोगों में इंफेक्शन यानी संक्रमण पाया जाता है. इस तरह इस स्टेज में ये इंफेक्शन उन्हींस तक महदूद रहता है जो दूसरे देशों से आए हैं. किसी भी देश के लिए कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए ये ही सबसे मुफीद चरण होता है. मगर भारत के मामले में अब देर हो चुकी है.
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दूसरी स्टेज
अभी देश में कोरोना वायरस अपनी दूसरी स्टेज में है. इसे लोकल ट्रांसमिशन स्टेज कहते हैं. ये तब आती है जब विदेश से लौटे इंफेक्टेड लोगों के संपर्क में आने से उनके परिजन, रिश्तेदार और दोस्त वगैरह संक्रमित होने शुरु हो जाते हैं. इस स्टेज में ये पता होता है कि वायरस कहां से फैल रहा है और इसलिए इसकी रोकथाम का काम इतना ज्यादा कठिन नहीं होता है. क्योंकि तब हमें इंफेक्शन के सोर्स की जानकारी होती है.
तीसरी स्टेज
कम्युानिटी ट्रांसमिशन को ही करोना की थर्ड स्टेंज कहते हैं. जब ना तो वायरस के फैलने का सोर्स का पता होता है और ना ही ये पता लगाना आसान होता है कि ये कोरोना से कौन, कहां और कितने लोग संक्रमित हो चुके हैं. इस स्टेज में कोई कहां से संक्रमित हो जाएगा, इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल हो जाता है. अगर भारत इस स्टेज पर पहुंच गया तो इस महामारी को संभालना बहुत मुश्किल हो जाएगा. इसी से बचने के लिए लॉक डाउन और कर्फ्यू जैसी कवायद देश में की जा रही है. यहां ये याद दिलाना भी ज़रूरी है कि अभी तक कोई भी वैज्ञानिक या देश कोरोना की वैक्सीन नहीं ढूंढ पाए हैं.
चौथी स्टेज
इस महामारी की ये लास्ट स्टेज यानी आखिरी पड़ाव है. आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि किसी भी बीमारी की लास्ट स्टेज का क्या मतलब होता है. ये कितनी खतरनाक स्टेज होती है. चीन इस स्टेज से गुजर चुका है. इटली और ईरान इस स्टेज से अभी भी जूझ रहे हैं. इस पड़ाव पर आने के बाद ये वायरस उस हालत पर पहुंच जाता है, जहां इसका हल खोज पाना बेहद मुश्किल होता है.
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