गौरतलब है कि चरखारी कोतवाली के सालट गांव में कल्लू काजी ने गांव के बाहर बनी पीर बाबा की मजार पर शनिवार को उर्स का आयोजन किया था. उर्स में आसपास के 13 गांवों से लोगों को एकजुट किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में हिंदू भी शामिल थे.
ग्रामीणों का आरोप है कि उर्स के बाद कल्लू काजी ने सैकड़ों ग्रामीणों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर धोखे से भैंसे की बिरयानी खिला दी. इस मामले में पंचायत भी हुई और कल्लू काजी पर गंगा स्नान के लिए 50 हजार का जुर्माना लगाया गया. मामला शांत हो गया था मगर मंगलवार को चरखारी विधायक ब्रजभूषण राजपूत गांव पहुंच गए और गांव में पंचायत जुटाकर आरोपी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग करने लगे.
ग्रामीण बताते हैं कि हर साल की तरह इस साल भी मजार पर उर्स हुआ था मगर इस बार उन्हें भैंसे की बिरयानी खिला दी गई जिससे उनका धर्म भ्रष्ट हो गया हालांकि ग्रामीणों ने माना कि उनकी आस्था भी मजार से जुड़ी हुई है. वहीं, चरखारी विधायक ने मजार को ही फर्जी बताते हुए वहां झाड़फूंक और महिलाओं के साथ शारीरिक शोषण होने के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि देश की सभी मजारों की जांच होनी चाहिए.
विधायक ब्रजभूषण राजपूत ने ये भी कहा कि जब हिंदुओं की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाई जाती है तो मॉब लिंचिंग जैसे मामले होते हैं. बढ़ते तनाव के बाद गांव में रहने वाले मुस्लिम पुरुषों ने गांव छोड़ दिया है.
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