भारतीय लोकतंत्र के लिए आज का दिन बेहद अहम है. देश आज 70वां सविधान दिवस मना रहा है. भारत ने आज से 70 साल पहले 26 नवंबर 1949 को संविधान अपनाया था, हालांकि इस संविधान को लागू 26 जनवरी 1950 को किया गया था. संविधान दिवस पर भारतीय लोकतंत्र के पक्ष और विपक्ष आमने सामने हैं.
संविधान दिवस के उपलक्ष्य में जहां संसद की संयुक्त बैठक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसदों को संबोधित करने वाले हैं, वहीं कांग्रेस पार्टी की अगुवाई में कई विपक्षी दल इस संयुक्त बैठक का बहिष्कार करेंगे.
कुछ दिनों पहले तक भारतीय जनता पार्टी के साथ एनडीए की अहम साझेदार रही शिवसेना भी अब विपक्ष की भूमिका में है. महाराष्ट्र में सत्ता को लेकर चली कई दिनों खींचतान के बाद अब शिवसेना और बीजेपी का दशकों पुराना गठबंधन खत्म हो गया है. संभावना जताई जा रही है कि इस बहिष्कार में शिवसेना भी शामिल होगी.
शिवसेना भी कांग्रेस के साथ
विपक्षी दल महाराष्ट्र के सियासी संकट पर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम के खिलाफ विपक्षी दलों का बहिष्कार संविधान दिवस के मौके पर हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि विपक्ष के इस बहिष्कार में जो पार्टियां शामिल होंगी, उनमें कांग्रेस, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, तेलगू देशम पार्टी, द्रमुक और लेफ्ट पार्टियां प्रमुख हैं.
क्या है बहिष्कार की वजह?
महाराष्ट्र में चल रहे सियासी उठापटक पर विपक्ष का गुस्सा सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार के खिलाफ है. विपक्षी पार्टियों का दावा है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने जिस अंदाज में देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई है वह ठीक नहीं है. महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के खिलाफ अब संसद परिसर के भीतर अंबेडकर प्रतिमा के पास विपक्ष संयुक्त प्रदर्शन करेगा.
दरअसल शिवसेना के नेता अनिल देसाई, अरविंद सावंत और कुछ अन्य नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की थी और कांग्रेस की ओर से बुलाए गए विरोध को अपना समर्थन दिया था.
पीएम मोदी सासंदों को करेंगे संबोधित
दरअसल केंद्र सरकार संविधान सभा द्वारा संविधान अंगीकार करने के 70 साल पूरे होने के अवसर पर संसद के केंद्रीय कक्ष में आज सविंधान दिवस मनाएगी. इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसदों को संबोधित करेंगे.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को भी संसद परिसर कके भीतर महाराष्ट्र में बीजेपी के सरकार गठन के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन की अगुवाई की थी. इस दौरान कांग्रेस और विपक्षी पार्टी के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे भी लगाए. महाराष्ट्र में सरकार गठन को विपक्षी दलों ने लोकतंत्र की हत्या तक करार दिया.
पार्लियामेंट हाउस कॉम्प्लेक्स में हुए इस विरोध प्रदर्शन में कई दिग्गज नेता शामिल हुए. वहीं लोकसभा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है. इसलिए कोई सवाल पूछने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता.
सोमवार को संसद के दोनों सदनों में महाराष्ट्र का मुद्दा छाया रहा. विपक्ष के हंगामे के बीच माना जा रहा है कि आज भी संसद में विपक्षी दल विरोध ही करेंगे.
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