दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने मंगलवार को चौथे मेट्रो फेयर फिक्सेशन कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया. इस दौरान माकन ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि यदि दिल्ली सरकार आने वाले कुछ दिनों में किराया कम नहीं करती है तो कांग्रेस बढ़े किराए पर स्टे लेने के लिए कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएगी.
मंगलवार को अजय माकन ने बताया कि केन्द्र और दिल्ली की केजरीवाल सरकार के पास यह रिपोर्ट पिछले 15 महीनों से पड़ी हुई है, क्योंकि 8 सितम्बर 2016 को यह रिपोर्ट तैयार हो गई थी और 26 नवम्बर 2017 को इसको सार्वजनिक किया गया. माकन ने तंज सकते हुए कहा कि मेट्रो किराया बढ़ने के बाद केजरीवाल ने शोर मचाना शुरु किया, लेकिन इसका जवाब नहीं दिया कि जब दिल्ली सरकार के अफसर के.के. शर्मा चौथे फेयर फिक्शेसन कमेटी के सदस्य थे तो उन्होंने कमेटी की बैठकों के दौरान कभी भी किराए बढ़ौतरी का विरोध क्यों नहीं किया. माकन ने इस दौरान पावर प्वाइंट प्रेसेंटेशन देते हुए बताया कि जुलाई 2015 में मुम्बई मेट्रो की फेयर फिक्सेशन कमेटी ने 40 रुपये के अधिकतम किराए को 110 रुपये करने का तय किया, लेकिन मुंबई मेट्रो ने इसमे सिर्फ 5 रुपये की बढ़ोतरी की है और वहां बढ़ा हुआ किराया 2 साल बाद भी लागू नहीं हुआ, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार इस समले पर कोर्ट का स्टे ले आई.
माकन ने अरविंद केजरीवाल से पूछा कि जब महाराष्ट्र सरकार ने मेट्रो किराया बढ़ाने पर कोर्ट से स्टे ले लिया तो दिल्ली सरकार क्यों नही गई? अजय माकन ने बताया कि दिल्ली सरकार 1500 करोड़ डीएमआरसी को देने की बात करते हैं, जबकि इसके लिए सिर्फ 755 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने और हर साल 7 फीसदी किराया बढ़ाने से ही मेट्रो यदि घाटे में है तो उसे रोका जा सकता है. अजय माकन ने साफ किया है कि दिल्ली सरकार यदि अगले हफ्ते बढ़े किराए को वापस नहीं लेगी, तो कांग्रेस बढ़े किराए वापस लेने के लिए कोर्ट जाएगी और बढ़े किराए पर स्टे लाएगी.
दिनेश अग्रहरि / रवीश पाल सिंह