गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का मामला इन दिनों गरमाया हुआ है. विपक्ष की ओर से लगातार इस फैसले की आलोचना की जा रही है. अब इस फैसले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि यह राजनीति का हिस्सा है और होता रहता है.
इससे पहले संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा में कांग्रेस की ओर से इस मसले को जोरदार तरीके से उठाया गया. कांग्रेस सांसदों का आरोप है कि सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. संसद सत्र के दूसरे दिन लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा हटाने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी की एसपीजी सुरक्षा क्यों वापस ली इस पर जवाब देना चाहिए. सोनिया गांधी और राहुल गांधी सामान्य लोग नहीं हैं, जिन्हें सुरक्षा मिली हुई थी. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने भी एसपीजी को गांधी परिवार की सुरक्षा में रहने दिया था.
क्या है पूरा मामला?
गांधी परिवार को दी गई स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की सुरक्षा इसी महीने वापस ले ली गई थी और उन्हें केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) की जेड प्लस सुरक्षा दे दी गई थी. एसपीजी सुरक्षा सोनिया, उनके बेटे राहुल और बेटी प्रियंका के नई दिल्ली स्थित आवासों से हटा ली गई है.
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को हुई हत्या के बाद गांधी परिवार को एसपीजी सुरक्षा प्रदान की गई थी. गांधी परिवार और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा हटाने के केंद्र सरकार के निर्णय के खिलाफ कांग्रेस ने बुधवार को राज्यसभा में प्रदर्शन किया और सरकार से उनकी सुरक्षा बहाल करने की मांग की. पार्टी नेता आनंद शर्मा ने कहा कि चारों नेताओं की एसपीजी सुरक्षा बहाल किया जाना राष्ट्रहित में है.
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