यूपी में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस के रवैये का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुवाई में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) पहुंचा.
प्रियंका गांधी ने कहा कि यूपी में CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस की बर्बरता मामले की जांच की जाए. प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस का रवैया कानूनी तौर पर ठीक नहीं था. इस कानून के खिलाफ प्रदेश में शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किया जा रहा था. ये सीधे तौर पर योगी सरकार की असफलता है.
डीजीपी को चार सप्ताह में जवाब सौंपना था
बता दें कि दिसंबर आखिरी में एनएचआरसी ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था. डीजीपी को चार सप्ताह में जवाब सौंपना था. एनएचआरसी ने कई शिकायतों का संज्ञान लेते हुए डीजीपी को नोटिस जारी किया था. नोटिस में हिंसा के दौरान हुई मौतों, इंटरनेट सेवाओं को बाधित किए जाने और पुलिसकर्मियों द्वारा लोक व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे बिंदुओं पर जवाब मांगा गया था.
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आयोग को की गई शिकायतों में पूरे प्रदेश में एक साथ धारा 144 लागू कर लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोकने, इंटरनेट सेवाएं बाधित किए जाने से हुई दिक्कतों, पुलिसकर्मियों द्वारा तोड़फोड़ करने पर कोई कार्रवाई न किए जाने व कई बेकसूरों को उपद्रव के मामले में पकड़े जाने के आरोप लगाए गए थे.
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