पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार में हैं तो कांग्रेस और लेफ्ट विपक्ष में. सीपीएम और ममता में इतनी रार है कि केंद्र की राजनीति में दोनों को एक पाले में साधना कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है लेकिन कांग्रेस इसके लिए लगातार कोशिश कर रही है.
हाल में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी को आमन्त्रित किया था. दोनों नेताओं के बीच लंबी चर्चा हुई थी.
अब ममता बनर्जी दिल्ली आई हैं. सोमवार को जब वो संसद भवन के अपने पार्टी दफ्तर में थीं, पूरा कमरा पार्टी सांसदों और पत्रकारों से भरा हुआ था. तभी उनसे मिलने राज्यसभा में विपक्ष के नेता ग़ुलाम नबी आजाद और सोनिया के राजनैतिक सलाहकार अहमद पटेल पहुंचे. ममता ने भी दोनों को देखकर कहा कि इनसे अलग से बात करनी है. इसके बाद ममता दोनों के साथ केबिन में चली गईं. छोटे से केबिन में सिर्फ दो कुर्सियां थीं. ममता ने एक और कुर्सी मंगाई फिर केबिन का दरवाजा बन्द करके तीनों ने अकेले में करीब 20 मिनट चर्चा की.
सूत्रों के मुताबिक इन नेताओं के बीच संसद में विपक्षी दलों की रणनीति पर चर्चा हुई. सबसे अहम मुद्दा रहा ईवीएम का. इस बैठक के बाद ममता ने पत्रकारों से कहा कि अगर सभी दल ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं तो बैलेट की तरफ लौटा जा सकता है- ओल्ड इस गोल्ड.
कह सकते हैं, बमुश्किल ईवीएम के मुद्दे पर कांग्रेस बंगाल में विरोधी सीपीएम और ममता को केंद्र में एक पाले में लाने में कामयाब होती दिख रही है। लेकिन मुश्किल ये है कि, कांग्रेस ऐसे कितने मुद्दे खोज पाएगी, जब बीजेपी के विरोध में सीपीएम और ममता दोनों एक साथ कांग्रेस का हाथ थामे रहेंगी.
कुमार विक्रांत