गहलोत ने CM बनने की अटकलों को दी हवा, आपातकाल पर BJP पर किया पलटवार

अशोक गहलोत ने कहा, 'चाहे मुझे कोई पद मिले या न मिले, लेकिन मैं राजस्थान की जनता के बीच रहूंगा. सूबे की जनता ने मुझ पर भरोसा किया और ढेर सारा प्यार दिया. मैं उनके साथ सदैव रहूंगा.'

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कांग्रेस नेता अशोक गहलोत कांग्रेस नेता अशोक गहलोत

राम कृष्ण / शरत कुमार

  • जयपुर,
  • 26 जून 2018,
  • अपडेटेड 11:56 PM IST

कांग्रेस में नंबर दो की हैसियत रखने वाले पार्टी महासचिव अशोक गहलोत ने एक बार फिर से राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा को हवा दे दी है. अशोक गहलोत ने अजमेर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'चाहे मुझे कोई पद मिले या न मिले, लेकिन मैं राजस्थान की जनता के बीच रहूंगा. सूबे की जनता ने मुझ पर भरोसा किया और ढेर सारा प्यार दिया. मैं उनके साथ सदैव रहूंगा.'

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कांग्रेस नेता गहलोत के बार-बार इस तरह के बयान देने के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. कांग्रेस भी चाहती है कि अशोक गहलोत इस तरह का बयान देते रहें, ताकि किसी एक चेहरे के साथ कांग्रेस चुनाव में न जाए. सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों के नाम पर विधानसभा चुनाव में वोट मांगे जाए.

मंगलवार को बूंदी के कार्यकर्ता सम्मेलन 'मेरा बूथ, मेरा गौरव' कार्यक्रम में जिस तरह प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत एक साथ मंच पर आए, उसे देखकर कहा जा रहा है कि गहलोत अब रष्ट्रीय राजनीति के साथ-साथ राजस्थान की राजनीति में ज्यादा समय देंगे.

अशोक गहलोत ने बीजेपी द्वारा आपातकाल को लेकर किए जा रहे प्रचार को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने वक्त के हालात को देखते हुए इमरजेंसी लगाई थी. इमरजेंसी के दौरान हुई ज्यादती के लिए इंदिरा गांधी जिम्मेदार नहीं हैं. आज के दौर में इमरजेंसी से ज्यादा हालत खराब हैं. गहलोत ने कहा कि बीजेपी इंदिरा गांधी का अपमान नहीं कर रही है, बल्कि पूरे देश की महिला शक्ति की प्रतीक इंदिरा गांधी का अपमान कर रही है.

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उन्होंने कहा कि यह देश की महिलाओं का अपमान है. अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी को दुर्गा कहा था. जिस तरह से BJP के नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, अरुण शौरी, शत्रुघ्न सिन्हा और घनश्याम तिवारी के जो बयान आए हैं, उसे देखकर समझा जा सकता है कि बीजेपी में किस तरह से तानाशाही से काम हो रहा है.

गहलोत ने कहा कि यही बीजेपी है, जो इमरजेंसी के दौरान देश में घूम-घूमकर सेना और पुलिस को सरकार के खिलाफ बगावत करने और उनके आदेशों की अवहेलना करने के लिए उकसा रही थी. एक नेता तो रेल की पटरियां उखाड़ फेंकने का नारा दे रहे थे. आज हालत ये हैं कि सरकार विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया को आजादी से काम नहीं करने दे रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो या अमित शाह हो या फिर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सभी डिक्टेटर की तरह काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि चुनाव सामने आने वाले हैं. राजस्थान में बीजेपी को हारता हुआ देख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने सूबे में डेरा डालने का फैसला किया है, लेकिन राजस्थान की जनता इस बार इनकी विदाई कर देगी.

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को आड़े हाथों लेते हुए गहलोत ने कहा कि वसुंधरा ने उप राष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत को नहीं बख्शा तो घनश्याम तिवारी और ओम माथुर उनके सामने क्या है? वसुंधरा राजे ने घनश्याम तिवारी का शोषण कर पार्टी से बाहर जाने पर मजबूर कर दिया.

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