इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2018 के अहम सत्र डीएनए ऑफ एक्टिंग में तेलुगु सिनेमा के जानें मानें कलाकार एम मोहन बाबू ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने चार बार प्रधानमंत्री कार्यालय को लेटर लिखा. इन सभी लेटर का उन्हें आईएएस अधिकारियों से रटा-रटाया जवाब मिला. हालांकि लंबे समय के बाद उन्हें प्रधानमंत्री मोदी से दोबारा मिलने का मौका मिला और उनकी 45 मिनट तक बातचीत हुई. इस सत्र के दौरान राजनीतिक सफर पर मोहन बाबू ने कहा कि देश के 95 फीसदी नेता रास्कल हैं.
एम मोहन बाबू ने इंडिया टुडे मंच से बताया कि बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की उनसे मुलाकात हुई थी. उस वक्त मोहन बाबू ने मोदी को प्रधानमंत्री बनने की बात कही थी. हालांकि प्रधानमंत्री मोदी के मौजूदा कार्यकाल और साउथ इंडिया में मोदी की बीजेपी की जीत की संभावनाओं पर मोहन बाबू ने कहा कि पीएम मोदी के पास अभी भी दो साल का समय बचा है और उम्मीद की जा सकती है कि वह देश का भला करेंगे.
कॉन्क्लेव साउथ के इस अहम सत्र में मोहन बाबू की बेटी और तेलुगु फिल्मों में एक्टर लक्क्षमी ने भी शिरकत की. पिता के राजनीति में कदम रखने के सवाल पर लक्ष्मी ने कहा कि उनके पिता एक किंगमेकर की भूमिका में है और वह किंग नहीं बनना चाहते.
कॉन्क्लेव साउथ 2018: 95 फीसदी नेता रास्कल हैं- मोहन बाबू
हालांकि इस बयान पर मोहन बाबू ने कहा कि पूर्व में एक पार्टी ने उन्हें राज्य सभा भेजने का काम किया लेकिन यहां जब सांसदों द्वारा पैसा कमाने का विरोध किया तो वह विवादों में आ गए. मोहन बाबू ने बताआ कि मुझे कहा गया आपने फिल्म में पैसा कमाया है और यहां सांसद खुद पैसा कमा रहे हैं, इसलिए आप चुपचाप राज्यसभा आएं और कुछ कहना है तो कहें लेकिन पार्टी के सांसदों पर कोई बात न कहें. मोहन बाबू ने कहा कि वह वहां चुप हो गया लेकिन घर आने के बाद फैसला कर लिया कि राजनीति उनके लिए नहीं है लिहाजा, क्लीनचिट के साथ राजनीतिक से बाहर निकल गए.
राहुल मिश्र