गैंगरेप: प्रदर्शनकारियों के जज्बे पर ठंड का कोई असर नहीं

कड़ाके की सर्दी दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे लोगों के जज्बे को ठंडा करने में नाकाम साबित हो रही है. सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों को मृत्युदंड देने की मांग को लेकर दो लोग अभी भी अनशन पर हैं. वे आखिरी सांस तक आपना आंदोलन जारी रखने के लिए दृढ़संकल्प हैं.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2013,
  • अपडेटेड 7:41 PM IST

कड़ाके की सर्दी दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे लोगों के जज्बे को ठंडा करने में नाकाम साबित हो रही है. सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों को मृत्युदंड देने की मांग को लेकर दो लोग अभी भी अनशन पर हैं. वे आखिरी सांस तक आपना आंदोलन जारी रखने के लिए दृढ़संकल्प हैं.

राजेश गंगवार और बाबू सिंह राष्ट्रीय राजधानी के मध्य में स्थित ऐतिहासिक जंतर मंतर वेधशाला के समीप लगतार अनशन पर हैं. गंगवार का अनशन शनिवार को जहां 13वें दिन में प्रवेश कर गया, वहीं बाबू सिंह के अनशन का यह आठवां दिन है. इस बीच दिल्ली की सर्दी पूर्व के अपने सभी रिकार्ड तोड़ चुकी है, फिर भी दोनों अनशनकारियों के जज्बे पर कोई असर नहीं पड़ा है.

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टेंट में गुजरती है सर्द रात
अनशन स्थल पर लगे टेंट के पतले कपड़े की दीवार की आड़ में ये दोनों अनशनकारी रात भी यहीं गुजारते हैं. दो-चार कंबल ठंड से बचाने में उनकी थोड़ी-बहुत मदद करते हैं. गंगवार बुदबुदाते हैं, 'भयानक ठंड लगी है और मेरे गले में खराश है.' उन्होंने एक घूंट गर्म पानी लिया और उनके सहयोगियों में से एक ने उनकी नाक और गले में ठंड से बचाने वाला कोई बाम मल दिया.

खाली पेट दवा कैसे लूं: बाबू सिंह
बाबू सिंह की हालत भी कुछ ऐसी ही थी. उन्होंने कहा कि उन्हें 'बहुत कमजोरी' महसूस हो रही है और ठंड के चलते उन्हें 'बुखार' जैसा अहसास हो रहा है. उन्होंने आईएएनएस से कहा, 'मैं खाली पेट में कोई दवा नहीं ले सकता और जहां तक बाम की बात है तो वह इस मौसम में काम नहीं करता.'

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सरकार पर उदासीनता का आरोप
दोनों अनशनकारियों ने सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाया और कहा कि शुरुआत में राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सक उनकी जांच करने आए थे लेकिन अब उन्होंने यहां आना बंद कर दिया है. गंगवार ने निराशा भरे स्वर में कहा, 'उन्हें हमारी कोई फिक्र नहीं है.' गंगवार के छोटे भाई राकेश जंतर मंतर पर उनके साथ हैं. उन्होंने हालांकि कहा कि एक चिकित्सक ने दोनों अनशनकारियों के स्वास्थ्य की जांच की थी और बताया था कि उनके सभी महत्वपूर्ण अंग सही तरीके से काम कर रहे हैं.

...तो मैं मरने को तैयार हूं: गंगवार
गंगवार कहते हैं, 'अगर मेरी मौत व्यवस्था को झकझोरती है और सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों को फांसी दिलाती है तो मैं मरने को तैयार हूं.' उत्तर प्रदेश के रहने वाले गंगवार 24 दिसंबर को दिल्ली पहुंचे थे. अनशन में उनका साथ दे रहे बाबू सिंह भी इसी प्रदेश के फरुखाबाद से आए हैं. वह 29 दिसंबर को अनशन में शामिल हुए थे.

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