RS में भी नागरिकता बिल के विरोध में कांग्रेस, गुलाम नबी बोले- ये BJP का संविधान

लोकसभा में सिटिजन अमेंडमेंट बिल का विरोध करने के बाद अब कांग्रेस राज्यसभा में भी इस बिल का विरोध करेगी. कांग्रेस इसके लिए समान विचारधारा वाली पार्टियों से बात कर रही है. राज्यसभा में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने आजतक से कहा कि इस बिल को लेकर पार्लियामेंट में रणनीति एक ही है.

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कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (फोटो-पीटीआई) कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (फोटो-पीटीआई)

अशोक सिंघल

  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:37 PM IST

  • राज्यसभा में नागरिकता बिल का विरोध करेगी कांग्रेस
  • नागरिकता संशोधन बिल 2019 संविधान विरोधी
  • धर्म के आधार पर देश बांटने की कोशिश

लोकसभा में सिटिजन अमेंडमेंट बिल का विरोध करने के बाद अब कांग्रेस राज्यसभा में भी इस बिल का विरोध करेगी. कांग्रेस इसके लिए समान विचारधारा वाली पार्टियों से बात कर रही है. राज्यसभा में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने आजतक से कहा कि इस बिल को लेकर पार्लियामेंट में रणनीति एक ही है. उन्होंने कहा कि सभी पार्टियां सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल को असंवैधानिक मानती हैं. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ये बिल हिंदुस्तान की सभ्यता के खिलाफ है.

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डट कर विरोध करेगी कांग्रेस

गुलाम नबी आजाद का कहना है कि कांग्रेस इस बिल का डट कर विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस ने लोकसभा में इस बिल का विरोध किया था, उसी तरह से राज्यसभा में भी पार्टी बिल का विरोध करेगी. बीजेपी के तर्कों को नकारते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह सवाल माइनॉरिटी और मेजॉरिटी का नहीं है, यह सवाल संविधान का है और यह बिल कॉन्स्टिट्यूशन के खिलाफ है.

ये बीजेपी का संविधान है

कॉन्स्टिट्यूशन धर्म की बुनियाद पर कानून बनाने के लिए नहीं कहता है. यह कानून तो धर्म के आधार पर बनाया गया है. यह कानून असंवैधानिक है. इस देश में वह दो कॉन्स्टिट्यूशन चलाना चाहते हैं, एक तो वह जो संविधान सभा ने पास किया है, दूसरा जो भारतीय जनता पार्टी का कॉन्स्टिट्यूशन है. जिसके जरिए वह काम कर रहे हैं. नॉर्थ ईस्ट में हो रहे विरोध पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कि इस बिल का सब जगह विरोध किया जा रहा है क्योंकि वहां के लोग भी गुस्से में है.

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वाम दलों ने भी किया विरोध

सिटिजन अमेंडमेंट बिल को लेकर वामपंथी पार्टियों ने भी मंगलवार को प्रदर्शन किया. वामपंथी दलों ने संसद भवन में गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन किया. वामपंथी पार्टियों का कहना है कि यह देश के संविधान के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि इस बिल के जरिए देश को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश की जा रही है जो हमें स्वीकार नहीं है. वामपंथी पार्टियों के सांसदों का कहना है कि आरएसएस और बीजेपी भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश कर रही है.

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