पाकिस्तान सरकार को करारा झटका, स्कूलों में नहीं पढ़ाई जाएगी कुरान

पाकिस्तान सरकार के 10वीं तक के बच्चों को कुरान पढ़ाने के प्रस्ताव को काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी ने रिजेक्ट कर दिया है...

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Pakistan Schools( representational image) Pakistan Schools( representational image)

विष्णु नारायण

  • नई दिल्ली,
  • 05 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 3:03 PM IST

पाकिस्तान सरकार द्वारा स्कूल के सिलेबस में कुरान पढ़ाने के प्रस्ताव को काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (CII) ने रिजेक्ट कर दिया है. पाकिस्तानी सरकार ने इससे पहले भी 10वीं क्लास तक कुरान पढ़ाने का प्रस्ताव दिया था.
मिनिस्ट्री ऑफ फेडरेशन एजुकेशन एंड प्रोफेशनल ट्रेनिंग ने इसके बाबत 10वीं क्लास तक के स्टूडेंट्स को कुरान की आयतें पढ़ने के लिए कुछ किताबें भेजी थीं.

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आखिर क्यों रिजेक्ट हुए प्रस्ताव?
1- CII ने इन किताबों में बहुत सारी त्रुटियां होने की वजह से प्रस्ताव खारिज कर दिया.

2- धारा 20 अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार का घोर उल्लंघन है-
a- इसके बाबत काउंसिल ने माता-पिता की जिम्मेदारी और बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर हेग कन्वेंशन का आयोजन किया. यह काउंसिल लॉ मिनिस्ट्री द्वारा भेजा गया था और इसमें ऐसी हिदायतें थीं कि पाकिस्तान इस पर दस्तखत न करे.
b- इसके अलावा काउंसिल ने कहा कि धारा 20 जिसमें बच्चों की सुरक्षा की बातें कही गई हैं. अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों का घोर उल्लंघन है.

इस मीटिंग की अध्यक्षता CII के चेयरमैन मौलाना मोहम्मद खान शीरानी कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हेग सम्मेलन की कुछ धाराएं पाकिस्तानी संविधान से मेल नहीं खातीं.

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