नकलचियों को पकड़ने के लिए ड्रोन ने की एग्‍जाम हॉल की निगरानी

चीन के एजुकेशन डिपाटर्मेंट ने सोमवार को हुए यूनिवर्सिटी के एंट्रेस एग्‍जाम में नकल करने वाले स्‍टूडेंट्स को पकड़ने के एक ड्रोन से निगरानी की.

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aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 09 जून 2015,
  • अपडेटेड 9:28 AM IST

चीन के एजुकेशन डिपाटर्मेंट ने सोमवार को हुए यूनिवर्सिटी के एंट्रेस एग्‍जाम में नकल करने वाले स्‍टूडेंट्स को पकड़ने के एक ड्रोन से निगरानी की.

आपको बता दें कि चीन में हर साल यूनिवर्सिटी में एंट्रेंस एग्‍जाम में करीब एक करोड़ स्‍टूडेंट्स शामिल हो रहे हैं. यूनिवर्सिटी के इस एग्‍जाम को गाओकाओ कहा जाता है और ये एग्‍जाम पूरे देश में नकल करने के लिए बदनाम है.

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इस एग्‍जाम के बारे में यहां तक कहा जाता है कि स्‍टूडेंट्स इसमें जमकर नकल करते हैं. जिसकी वजह से इस एग्‍जाम की विश्‍वसनीयता पहले से बहुत कम हो गई है. यूनिवर्सिटी के टीचर कहते हैं कि यहां स्‍टूडेंट टीचर्स की मौजूदगी में भी अत्याधुनिक उफकरणों की मदद से जमकर नकल होती है.

इन सबसे निपटने के लिए परीक्षा अधिकारियों ने अब ड्रोन का इस्तेमाल किया. हालांकि परीक्षा के पहले दिन कोई नकल का मामला नहीं पकड़ा गया.

ल्यूयांग रेडियो सुपरविज़न और रेग्युलेशन ब्यूरो के लैन ज़िगैंग ने कहा, 'इस ड्रोन के अपने ही फायदे हैं. शहरों में बड़ी-बड़ी इमारतों के बीच कई अवरोध होते हैं जिसकी वजह से जमीनी डिवाइस ठीक से काम नहीं कर पाती. लेकिन इस ड्रोन को 500 मीटर की ऊंचाई तक ले जाया जा सकता है. इससे पूरे शहर के रेडियो सिग्नल पकड़े जा सकते हैं'.

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इस परीक्षा में आने वाले नंबरों के आधार पर स्‍टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी में एडमिशन दिया जाएगा. जो इस एग्‍जाम में फेल हो जाते हैं उन्हें एक साल बाद फिर कोशिश करनी पड़ती है.

चीन में शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा था कि उन्होंने पिछले दिनों में 23 लोगों को नकल के इंतजाम करने के जुर्म में ग़िरफ़्तार किया है. इन परीक्षाओं में नकल करने वाले स्‍टूडेंट्स को तीन साल तक परीक्षा देने से बैन कर दिया जाता है.

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