चीन की फिर गीदड़भभकी- भारत को सबक सिखाने का समय, 1962 से भी बुरा करेंगे हाल

रक्षा मंत्री अरुण जेटली और सेना प्रमुख बिपिन रावत के बयान के बाद चीनी अखबार की इतनी तीखी टिप्पणी देखने को मिली है. दरअसल, सिक्किम सेक्टर पर तनाव के बाद चीन ने भारत को 1962 की हार की याद दिलाई थी.

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चीन की गीदड़भभकी चीन की गीदड़भभकी

अनंत कृष्णन

  • बीजिंग,
  • 05 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 11:16 AM IST

सिक्किम सेक्टर पर भारत और चीन के बीच तनाव लगातार गहराता जा रहा है. चीन ने समझौते की गुंजाइश से इनकार करने के बाद अब भारत को सबक सिखाने की धमकी दी है. बुधवार को चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि भारत को एक बार फिर से सबक सिखाने का समय आ गया है. इस बार भारत का 1962 से भी ज्यादा बुरा हाल करने का समय आ गया है.

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रक्षा मंत्री अरुण जेटली के बयान के बाद चीनी अखबार की इतनी तीखी टिप्पणी देखने को मिली है. दरअसल, सिक्किम सेक्टर पर तनाव के बाद चीन ने भारत को 1962 की हार की याद दिलाई थी, जिसके जवाब में रक्षा मंत्री जेटली ने कहा था कि 1962 से अब के हालात अलग हैं. भारत को 1962 का देश समझने की भूल नहीं करनी चाहिए. 1962 के भारत और 2017 के भारत में अंतर है. इससे पहले सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा था कि भारत चीन और पाकिस्तान के साथ एक साथ युद्ध लड़ने को तैयार है.

इससे बौखलाए चीनी अखबार की यह कड़ी प्रतिक्रिया दी है. चीनी अखबार ने कहा कि अगर भारत यह सोचता है कि वह डोंगलांग इलाके में सेना का इस्तेमाल कर सकता है और चीन एवं पाकिस्तान के खिलाफ एक साथ युद्ध के लिए तैयार है, तो हमें भारत को यह बताना होगा कि वह चीनी सेना की ताकत को हल्के में ले रहा है. ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा कि जेटली ठीक कह रहे हैं कि 1962 और 2017 के भारत में काफी अंतर है, लेकिन अगर जंग हुई, तो भारत को ज्यादा नुकसान उठाना होगा.

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चीन का मानना है कि अगर डोंगलांग इलाके में तनाव खत्म करना है, तो भारतीय सेना को पीछे हटना होगा. वरना चीनी सैनिक कार्रवाई करेंगे. चीन उलटे ही भारतीय सेना पर घुसपैठ का आरोप लगा रहा है. चीनी अखबार की प्रतिक्रिया से एक बात तो साफ है कि चीन भारत के साथ जंग के मूड में है. अखबार ने कहा कि चीन डोकलम इलाके में सड़क निर्माण कर रहा है, जिसका विरोध करने के लिए भारत भूटान को उकसा रहा है.

उसका कहना है कि भारत का मकसद चीन के डोंगलांग इलाके को विवादित क्षेत्र में तब्दील करना है और चीनी निर्माण कार्य को रोकना है. चीनी अखबार ने कहा कि भारत को पहले आइना देखना चाहिए. उसके पास चीनी सैनिकों के घुसपैठ के सबूत नहीं हैं. इसके अलावा चीन के यांग सिलिंग अखबार ने कहा कि भारत भूटान को चीन के खिलाफ विरोध के लिए उकसा रहा है. मालूम हो कि चीनी सेना ने डोकलम इलाके में घुसपैठ की थी और दो बंकर तैनात कर दिए थे.

 

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