यूपी की राजधानी लखनऊ के बाल संरक्षण गृह में एक युवती गर्भवती पाई गई है. इसके बाद यूपी सरकार ने अधीक्षिका को निलंबित करके इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं. इस बाल संरक्षण गृह में अनाथ लड़कियों को नाबालिग होने तक रखा जाता है. ऐसे में इस तरह की घटना से सनसनी मच गई है.
महिला एवं बाल कल्याण मंत्री शादाब फातिमा ने कहा कि जैसे ही यह मामला उनके संज्ञान में आया उन्होंने मोती नगर स्थित बाल संरक्षण गृह की अधीक्षिका को निलंबित कर दिया. उसके बाद इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं. इस मामले की जांच प्रमुख सचिव (महिला कल्याण) करेंगे.
जानकारी के मुताबिक, यह मामला मंगलवार को उस समय प्रकाश में आया, जब बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष जूही सिंह को सूचना मिली कि तीन लड़कियों को बाल संरक्षण गृह से हटाया जा रहा है. उनमें से एक गर्भवती है. इस घटना की सूचना मिलते ही आयोग के अधिकारी वहां पहुंच गए.
बाल संरक्षण गृह पहुंचे अधिकारियों की जांच में पता लगा कि सूचना सही थी. 22 वर्षीय एक युवती को दो माह का गर्भ था. उक्त बाल संरक्षण गृह में 12 से 18 साल की अनाथ लड़कियां रह सकती हैं. हालांकि विवाह होने या रोजगार लगने के समय तक भी वे वहां रह सकती हैं. मामले की जांच की जा रही है.
मुकेश कुमार / BHASHA