महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के लिए पहला विधानसभा चुनाव ही कई मोर्चों पर चुनौतीपूर्ण बन गया है. एक तरफ जहां पहली बार चुनाव में उतरे चंद्रकांत पाटिल के खिलाफ एनसीपी-एमएनएस और कांग्रेस एक हो गए हैं तो वहीं दूसरी तरफ पाटिल को जिस विधानसभा सीट से टिकट मिला है, वहां उन्हें आउटसाइडर के टैग से दो-चार होना पड़ रहा है. इस बहस से निजात पाने के लिए चंद्रकांत पाटिल ने अब अपने दोस्त के घर ही डेरा डाल लिया है.
फडणवीस कैबिनेट के ताकतवर मंत्रियों में शुमार चंद्रकांत पाटिल के पास बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी है. वो महाराष्ट्र विधानपरिषद् के सदस्य हैं. इस बार चंद्रकांत पाटिल विधानसभा चुनाव में उतरे हैं. ये पाटिल का पहला चुनाव है. चंद्रकांत पाटिल को पुणे की कोथरड सीट से टिकट दिया गया है. बीजेपी ने सिटिंग विधायक मेधा कुलकर्णी का टिकट काटकर चंद्रकांत पाटिल को मैदान में उतारा है.
कोल्हापुर के रहने वाले हैं चंद्रकांत पाटिल
माना जा रहा है कि पार्टी के इस फैसले से मेधा कुलकर्णी समर्थक खुश नहीं है. पार्टी के एक तबके में चंद्रकांत पाटिल की उम्मीदवारी को लेकर नाराजगी है. अब यह नाराजगी चंद्रकांत पाटिल के बाहरी होने पर केंद्रित हो गई है. कोल्हापुर से ताल्लुक रखने वाले चंद्रकांत पाटिल को पुणे की कोथरड सीट से प्रत्याशी बनाने पर विरोध के स्वर सामने आ रहे हैं. लिहाजा, इससे बचने के लिए अब चंद्रकांत पाटिल ने अपने एक दोस्त के घर रहना शुरू कर दिया है. साथ ही एक कार्यालय भी किराए पर ले लिया है.
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चंद्रकांत पाटिल ने पीटीआई को बताया कि दूसरी जगह जाकर चुनाव लड़ना नई बात नहीं है. उन्होंने बताया कि वो अपने दोस्त के घर रह रहे हैं, लेकिन उन्होंने कोई एग्रीमेंट साइन नहीं किया है. साथ ही चंद्रकांत पाटिल ने यह भी बताया कि उन्होंने जनता से संवाद के लिए एक ऑफिस भी किराए पर लिया है.
पाटिल के खिलाफ एकजुट हुए विरोधीकोथरड विधानसभा सीट पर कांग्रेस-एनसीपी के साथ MNS की भी अंडरस्टैंडिंग देखने को मिली है. चंद्रकांत पाटिल के सामने एमएनएस ने किशोर शिंदे को उतारा है. शिंदे मजबूत स्थानीय नेता के रूप में जाने जाते हैं. एनसीपी ने यहां अपना प्रत्याशी उतारा ही नहीं है, जबकि कांग्रेस ने भी MNS के समर्थन का ऐलान किया है. यानी चंद्रकांत पाटिल को चुनौती देने के लिए तीनों प्रमुख विपक्षी दल एकजुट हो गए हैं.
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