Chanakya Niti In Hindi: अंतिम समय तक साथ देते हैं ये 4 परम मित्र, क्या आपके पास हैं ये दोस्त

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य ने अच्छे दोस्तों को लेकर चाणक्य नीति कई बातों का उल्लेख किया है. वो ऐसे चार दोस्तों के बारे में बताते हैं जो मृत्यु तक और उसके बाद भी साथ निभाते हैं. आइए जानते हैं उन मित्रों के बारे में...

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चाणक्य नीति (Chanakya Niti in Hindi) चाणक्य नीति (Chanakya Niti in Hindi)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 9:45 AM IST

नीति शास्त्र के महान ज्ञाता आचार्य चाणक्य ने अच्छे दोस्तों को लेकर चाणक्य नीति कई बातों का उल्लेख किया है. वो ऐसे चार दोस्तों के बारे में बताते हैं जो मृत्यु तक और उसके बाद भी साथ निभाते हैं. आइए जानते हैं उन मित्रों के बारे में...

विद्या मित्रं प्रवासेषु भार्या मित्र गृहेषु च।

व्याधितस्यौषधं मित्र धर्मो मित्रं मृतस्य।।

> इस श्लोक में चाणक्य कहते हैं कि बाहरी व्यक्ति जो अपने घर से बाहर रहता हो उसके लिए ज्ञान से बड़ा कोई मित्र नहीं होता. मनुष्य के अपनों से दूर रहने पर यह ज्ञान ही अंतिम समय तक उसकी मदद करता है.

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> चाणक्य के मुताबिक जिसकी पत्नी पति की सबसे अच्छी मित्र होती है. जिसकी पत्नी अच्छी हो उसे समाज में हमेशा मान-सम्मान मिलता है. वहीं, अगर पत्नी में अवगुण हैं तो व्यक्ति को कई मौकों पर अपमानित होना पड़ता है. पत्नी का साथ व्यक्ति को विकट समय में भी संयमित बनाता है और परेशानी से लड़ने की ताकत देता है.

> जिस व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब हो उसके लिए दवा ही सच्ची दोस्त होती है. चाणक्य कहते हैं कि दवा ही बीमार व्यक्ति को ठीक कर सकती है.

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> चाणक्य ने श्लोक के अंत में धर्म को मनुष्य का चौथा सबसे अच्छा मित्र बताया है. वो कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति के लिए धर्म के मार्ग पर चलते हुए उसके जिंदा रहते हुए किए गए काम ही याद रखे जाते हैं. इस दौरान वो जैसा पुण्य कमाता है मरने के बाद उसे वैसे ही याद किया जाता है.

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