आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी उतनी ही लोकप्रिय हैं जितना पहले हुआ कहती थीं. चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में जीवन को खुशहाल बनाने के लिए कई तरह की तरकीबें बताईं है. आज चाणक्य की उन्हीं 6 उपयोगी नीतियों के बारे में जानेंगे.
1. आचार्य चाणक्य अपने नीतिशास्त्र में कहते हैं कि कोई व्यक्ति आपके स्तर से ऊपर या नीचे लेवल का है, तो उसे दोस्त नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि वे आपके कष्ट की वजह बन सकते हैं. चाणक्य कहते हैं कि बराबर के मित्र ही सुखदायक होते हैं.
2. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हमें बीते दिनों के बारे में सोचकर पछतावा नहीं करना चाहिए. वे ये भी कहते हैं भूत ही क्या भविष्य के बारे में भी सोचकर चिंतित नहीं होना चाहिए, क्योंकि विवेकवान इंसान हमेशा आज में जीता है.
3. चाणक्य कहते हैं कि जब कोई कार्य शुरू करो तो असफलता से डरना नहीं चाहिए और ना ही उसे छोड़ना चाहिए. वे कहते हैं कि ईमानदारी से काम करने वाले हमेशा खुश रहते हैं. साथ ही चाणक्य कहते हैं कि जीवन में कामयाबी पाने के लिए बोली की शुद्धता, मन व मस्तिष्क पर काबू और नरम व दयालु दिल के होने की जरूरत होती है.
4. चाणक्य कहते हैं कि शिक्षा एक ऐसी संपत्ति है जिसे कोई चोरी नहीं कर सकता है. इस कारण आपके पास जितना भी ज्ञान हो उस पर फक्र करें. रोजाना कुछ नया सीखने की कोशिश करें और अपने ज्ञान में बढ़ोतरी करते रहें.
5. चाणक्य कहते हैं कि बढ़िया भोजन से भी बदहजमी हो जाती है और फिर वह विष का काम करता है. उसी तरह निरंतर प्रैक्टिस ना करने से शास्त्रज्ञान भी व्यक्ति के लिए घातक विष के मानिंद हो जाता है.
6. चाणक्य ये भी कहते हैं कि दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए, क्योंकि खुद पर ये प्रयोग कर सीखने पर उम्र कम पड़ जाएगी. साथ ही चाणक्य कहते हैं भय को अपने पास नहीं आने देना चाहिए और अगर नजदीक आ जाए तो इससे भागना नहीं चाहिए, बल्कि इसका डटकर सामना करना चाहिए.
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