केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से कहा है कि वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के आईएएस एवं आईपीएस अधिकारियों को नामित करें ताकि उनकी कमी पूरी की जा सके.
इसके साथ ही, केन्द्र ने राज्यों को आगाह किया है कि बाद के चरण में नामांकन वापस लेने पर इन अधिकारियों के केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति एवं विदेश में पदस्थापन पर पांच साल के लिए रोक लग जाएगी.
सभी राज्यों और काडर नियंत्रण करने वाले प्राधिकारों को भेजे गए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के संदेश में कहा गया, ‘महिला और एससी, एसटी एवं ओबीसी अधिकारियों के पर्याप्त नाम प्रायोजित किए जाएं ताकि केन्द्रीय स्टाफिंग स्कीम (सीएसएस) के तहत पदों पर उन्हें समूचित प्रतिनिधित्व दिया जा सके.’ प्रत्येक राज्य काडर का सेंट्रल डिप्यूटेशन रिजर्व (सीडीआर) यह निर्धारित करता है कि किस हद तक अधिकारियों को भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर भेजा जा सकता है.
संदेश में कमी पूरी करने के लिए कदम उठाने को कहा गया है. संदेश में कहा गया है, ‘ना सिर्फ सीडीआर निम्न है, ज्यादातर राज्य एक बड़े अंतराल से समानुपाती सीडीआर हासिल करने में नाकाम रहे हैं.’ संदेश में कहा गया है, ‘उपसचिव और निदेशक स्तर पर आईएएस अधिकारियों की आम कमी है, इसलिए आप केन्द्र और राज्यों के बीच की कमी को समानुपाती रूप से साझा करने के लिए इन पदों पर पर्याप्त रूप से बड़ी संख्या में अधिकारियों की सिफारिश कर सकते हैं.
BHASHA