सूखा प्रभावित महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश को केंद्र सरकार ने दिया करोड़ों का पैकेज

सरकार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, दोनों राज्यों को दी जाने वाली ये धनराशि राष्ट्रीय राहत कोष से दी जाएगी.

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ब्रजेश मिश्र / सिद्धार्थ तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 29 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 8:36 AM IST

केंद्र की बीजेपी सरकार ने मंगलवार को बड़ा फैसला लेते हुए मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में राहत के लिए राहत फंड का ऐलान किया. सरकार ने सूखा प्रभावित मध्य प्रदेश के लिए 2022 करोड़ और महाराष्ट्र को 3100 करोड़ रुपये देने की घोषणा की.

सरकार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, दोनों राज्यों को दी जाने वाली ये धनराशि राष्ट्रीय राहत कोष से दी जाएगी.

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तीन मंत्रालयों की बैठक के बाद फैसला
मोदी सरकार की ओर से यह घोषणा किए जाने से पहले कृषि मंत्रालय, गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय की बैठक हुई, जिसमें यह फैसला लिया गया. बैठक के दौरान उस केंद्रीय टीम की रिपोर्ट पर भी गौर किया गया जिसने दोनों राज्यों में सूखे की स्थिति का जायजा लिया था.

मध्यप्रदेश के लिए लगभग 2022 करोड़ रुपए की राशि एनडीआरएफ ने मंजूर की है, वहीं महाराष्ट्र को राष्ट्रीय आपदा कोष से 3100 करोड़ रुपये देने की घोषणा की गई है. केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने 'टीवी टुडे' से बातचीत में कहा कि पिछली सरकार की तुलना में वर्तमान सरकार राज्यों को अधिक पैसा दे रही है ताकि सूखे से निपटा जा सके और कम बारिश वाले क्षेत्रों में कृषि और किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सके. इस कड़ी में राज्‍य आपदा कोष में केंद्र से मिलने वाली राशि में भी बढ़ोत्‍तरी की गई है.

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केंद्रीय मंत्री ने गिनाए आंकड़े
कृषि मंत्री के मुताबिक, कई राज्यों जैसे छत्तीसगढ़ को 2010-11 से 2013-14 तक कभी भी सूखा राहत (NDRF) से नहीं मिला इसे 2015-16 में इस राज्य ने 6 हजार करोड़ की सहायता मांगी थी. उन्हें 1,672 करोड़ रुपए NDRF में दिए गए हैं. मध्यप्रदेश ने 2013-14 में NDRF में 5,700 करोड़ की मांग की थी, उन्हें सिर्फ 494 करोड़ दिए गए, जबकि वर्तमान सरकार आने पर मध्यप्रदेश ने 2015-16 में 4 हजार 8 सौ करोड़ की मांग की थी- उन्हें लगभग 2022 करोड़ रुपए की एनडीआरएफ ने मंजूरी दी है.

उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र, जो सबसे ज्यादा सूखे का शिकार होता है, इस राज्य ने 2011-12, 2012-13 और 2013-14 में राष्ट्रीय आपदा कोष से 10,582 करोड़ की मांग की, लेकिन उसे सिर्फ 2642 करोड़ मिला, जबकि वर्तमान सरकार आने पर 2014-15, 2015-16 में कुल 8,823 करोड़ की मांग की और अब तक राज्य को लगभग 5 हजार करोड़ रुपये दिए गए.

यूपी को भी जल्द दी जाएगी राहत
कृषि मंत्रालय के मुताबिक, देश भर में पिछले दो सालों से बारिश की कमी से कई राज्य सूखे का सामना कर रहे हैं. अलग-अलग राज्यों से जो भी मांग आ रही है केंद्र सरकार उस पर तेज गति से निर्णय ले रही है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश ने भी मोदी सरकार से वर्ष 2015-16 के लिए सूखे से निपटने के लिए लगभग 2000 करोड़ रूपए की सहायता राशि मांगी है. इस पर भी जल्द ही फैसला किए जाने की उम्मीद है.

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'महाराष्ट्र को दी गई राहत की दूसरी किश्त'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार का फोकस महाराष्ट्र पर ज्यादा है. उन्होंने बताया, 'यह महाराष्ट्र को दिए जाने वाले फंड की दूसरी किश्त है. इसके पहले राज्य को सूखा राहत के तौर पर 2000 करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया था.' उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के लिए भी जल्द ही राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी.

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