बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहटा में नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ इलेक्ट्रोनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (नाइलिट) भवन का रिमोट का बटन दबाकर उद्घाटन किया. पटना का यह केंद्र अनौपचारिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ इलेक्ट्रोनिक्स, कंप्यूटर विज्ञान, सूचना प्रौद्योगिकी में स्नातक तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों का औपचारिक संचालन करेगा.
साथ ही यह केंद्र प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण अवधि में आवासीय सुविधा भी उपलब्ध कराएगा. आने वाले वर्षों में इस संस्थान के द्वारा इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र जैसे सीसीसी, ओ स्तर, ए स्तर, ईएसडीएम, डिजिटल विपणन इत्यादि से संबद्ध विभिन्न क्षेत्रों में 40,000 से अधिक अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. 12.36 एकड़ में निर्मित इस परिसर में मार्च, 2018 से शिक्षण कार्य शुरू किए जाएंगे.
केंद्रीय इलेक्ट्रोनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी तथा विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नाइलिट का यह केंद्र अत्याधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र होगा जो विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होगा. यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर्मी शोध, उद्यम, शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रोनिक, हार्डवेयर, विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में दक्ष होंगे.
प्रसाद ने कहा कि नई टेक्नोलॉजी, साइबर सुरक्षा, रोबोटिक्स जैसे क्षेत्र में इस संस्थान को अहम योगदान देना होगा. साथ ही भारतीय भाषाओं में डिजीटल साक्षरता की दिशा में भी इस संस्थान को प्रमुख भूमिका निभानी होगी. उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि वे सम्मिलित और समग्र रूप से काम करें ताकि नाइलेट का यह केंद्र पूर्वोत्तर भारत का शीर्ष केंद्र बन सके.
इस अवसर पर नीतीश कुमार ने कहा कि आईटी के विकास से काम में पार्दर्शिता आ रही है. इससे सहूलियत हो रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटी के क्षेत्र में केन्द्र सरकार प्राथमिकता से काम कर रही है. आज बिहार जैसे राज्य में 8.5 करोड़ लोग मोबाईल का उपयोग कर रहें हैं. बातचीत के अलावे अन्य जानकारियां भी मोबाईल के माध्यम से मिल रही हैं. लेकिन इससे सतर्क रहने की भी जरूरत है इस पर निर्भरता जरूरत से ज्यादा न हो.
उन्होंने कहा कि मोबाइल के जरिए बात तो होती है लेकिन उससे उत्पन्न तरंगों से वातावरण में प्रदूषण की समस्या पैदा हो सकती है. इकोलॉजी पर बेव का निश्चित रूप से असर पड़ता होगा. आज आनंद और आराम के लिए तकनीक का सहारा लिया जा रहा है लेकिन वास्तविक आनंद की अनुभूति तकनीक से नहीं हो सकती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ बढ़ गई है, इसका प्रभाव वातावरण पर प्रतिकूल पड़ रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दुनिया आईटी के क्षेत्र में काफी आगे निकल चुकी है. पीछे हटने की संभावना नहीं है. नई तकनीक के बिना काम नहीं चल सकता है लेकिन कम से कम इसके साथ-साथ 10 प्रतिशत पारंपरिक तरीके को भी बरकरार रखना चाहिए.
अजीत तिवारी / सुजीत झा