पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम नई मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं. आईएनएक्स मीडिया केस में कानून मंत्रालय ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है.
इस केस में पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम पहले से ही आरोपी हैं. बता दें कि सीबीआई ने इस मामले में कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर पी चिदंबरम के खिलाफ कार्रवाई करने की इजाजत मांगी थी. कानून मंत्रालय ने अब इसकी परमिशन दे दी है. 25 जनवरी को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने दिल्ली हाईकोर्ट को कहा था कि आईएनएक्स मीडिया केस में उन्हें पी चिदंबरम को कस्टडी में लेकर पूछताछ करनी है.
इधर केन्द्र सरकार ने एयरसेल मैक्सिस केस में पी चिदंबरम के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति सीबीआई को पहले ही दे दी है. ताजा घटनाक्रम के बाद कांग्रेस नेता की मुश्किलें बढ़नी तय है.
सीबीआई और ईडी का दावा है कि मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े तमाम सबूत और दस्तावेज उसके पास मौजूद हैं. इस मामले में जांच एजेंसियां चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति से कई बार पूछताछ भी कर चुकी हैं.
क्या है INX Media केस
15 मई 2017 को सीबीआई द्वारा एक एफआईआर दर्ज किया गया था. इसमें कहा गया था कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) द्वारा INX Media में विदेशी फंड के निवेश के लिए दी गई मंजूरी में कई अनियमितताएं हैं. इस मामले में INX Media में 305 करोड़ का निवेश होना था, ये मामला 2007 का है जब पी चिदंबरम यूपीए सरकार में वित्त मंत्री थे.
बता दें कि कभी INX Media का मालिकाना हक पीटर और इंद्राणी मुकर्जी के पास था. इन दोनों का नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में जुड़ा है. कार्ति चिदंबरम भी INX Media केस से जुड़ा है.
सीबीआई का आरोप है कि कार्ति चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया से 10 लाख की रकम बतौर रिश्वत ली थी. सीबीआई ने कहा है कि कार्ति चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया के खिलाफ चल रहे टैक्स की जांच के मामले को अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर प्रभावित करने की कोशिश की थी.
राहुल श्रीवास्तव