करियर का बेहतरीन ऑप्‍शन है चार्टर्ड अकाउंटेंट

आज के दौर में चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) प्रोफेशन करियर के रूप में लोगों के बीच काफी लोकप्रिय बन गया है.इसकी शुरुआत देश में चार्टर्ड अकाउंटेंट एक्ट लागू करने के साथ 1949 हुई थी. इस सेलेबस को चलाने के लिए 1949 में ही द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) का गठन किया गया था.

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aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 03 मार्च 2015,
  • अपडेटेड 12:37 PM IST

आज के दौर में चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA)प्रोफेशन करियर के रूप में लोगों के बीच काफी लोकप्रिय बन गया है. इसकी शुरुआत देश में चार्टर्ड अकाउंटेंट एक्ट लागू करने के साथ 1949 हुई थी. इस सिलेबस को चलाने के लिए 1949 में ही द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) का गठन किया गया था.

सीए के लिए मौजूदा कोर्स:

1. कॉमन प्रोफिसिएंसी टेस्ट (सीपीटी):
सीए में करियर बनाने के लिए इसकी शुरूआत कॉमन प्रोफिसिएंसी टेस्ट सीपीटी से होती है जिसे पास करने के बाद ही छात्र अपने लक्ष्य के पहले पड़ाव को पार कर दूसरे पड़ाव पर पहुंच सकता है. इसमें चार विषयों जैसे अकाउंटिंग, मर्केटाइल लॉ, जनरल इकोनॉमिक्स एवं क्वांटिटेटिव एप्टीटय़ूड को शामिल किया जाता है.

2. इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल कंपीटेंस कोर्स (आईपीसीसी):
इसमें अकाउंटिंग, बिजनेस और कंपनी लॉ, एथिक्स एंड कम्युनिकेशन, कास्ट अकाउंटिंग एवं फाइनेंशियल मैनेजमेंट, टैक्सेशन, एडवांस अकाउंटिंग, आईटी एंड स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट आदि विषयों को शामिल किया गया है.

3. फाइनल कोर्स (एफसी):
यह सीए कोर्स की लास्‍ट स्‍टेज है. इसे स्‍टूडेंट्स को फाइनेंशियल रिपोर्टिंग, ऑडिटिंग, प्रोफेशनल एथिक्स, टैक्सेशन, कॉरपोरेट लॉ, सिस्टम कंट्रोल, स्ट्रेटेजिक फाइनांस व एडवांस मैनेजमेंट अकाउंटेंसी के बारे में जानकारी दी जाती है. फाइनल कोर्स पूरा करने के साथ ही स्‍टूडेंट्स को जनरल मैनेजमेंट एंड कम्यूनिकेशन स्किल्स (जीएमसीएस) कोर्स भी कंपलीट करना होता है.

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कैसे करें तैयारी:
मान्यता प्राप्त बोर्ड से कार्मस स्ट्रीम में 12वीं पास करने के बाद कोई भी स्‍टूडेंट्स सीए में करियर बना सकता हैं. कई बार स्‍टूडेंट्स सीए की दौड़ में भाग लेने के लिए अपनी शुरूआत ग्रेजुएशन के बाद भी करते हैं. लेकिन सीए कोर्स की लंबी अवधि के कारण सीए की शुरूआत का सही समय 12वीं पास करने के बाद का ही होता है. सीए की तैयारी के लिए छात्रों को पहले अकाउंटिग में मजबूत पकड़ बनानी चाहिए. स्‍टूडेंट्स में मैनेजमेंट और फाइनेंसिशियल क्षेत्र में एक्सपर्ट नॉलेज के साथ एक्सपर्ट व्यू का होना बहुत जरूरी है.

संभानाएं:
सीए बनकर आप देश-विदेश की कंपनियों में फाइनांस, अकाउंट एवं टैक्स डिपार्टमेंट में फाइनांस मैनेजर, अकाउंट मैनेजर, फाइनेंशियल बिजनेस एनालिस्ट, ऑडिटिंगइंटरनल ऑडिटिंग, मैनेजिंग डायरेक्टर, सीईओ, फाइनेंस डायरेक्टर, फाइनेंशियल कंट्रोलर, चीफ अकाउंटेंट, चीफ इंटरनल ऑडिटर जैसी पोजिशन पर काम कर सकते हैं.

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