कैप्टन अमरिंदर ने अरुण जेटली को लिखा पत्र, कहा GST से बाहर हो लंगर

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विभिन्न धार्मिक संस्थानों में दिए जाने वाले प्रसाद और लंगर (सामुदायिक भोजनालय) को GST से बाहर करने की मांग की है. मुख्यमंत्री ने सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व अन्य लोगों व संस्थानों की अपील पर केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर इन सामानों को वस्तु एवं सेवा कर से बाहर करने की मांग की है.

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कैप्टन अमरिंदर कैप्टन अमरिंदर

सतेंदर चौहान

  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 5:54 PM IST

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विभिन्न धार्मिक संस्थानों में दिए जाने वाले प्रसाद और लंगर (सामुदायिक भोजनालय) को GST से बाहर करने की मांग की है. मुख्यमंत्री ने सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व अन्य लोगों व संस्थानों की अपील पर केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर इन सामानों को वस्तु एवं सेवा कर से बाहर करने की मांग की है.

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अमरिंदर ने अपने पत्र के मार्फत वित्त मंत्री अरुण जेटली को याद दिलाया कि गुरुद्वारा के लंगर को वैट भुगतान से छूट दी गई थी. हाालांकि नई जीएसटी प्रणाली के तहत इस पर कर का भुगतान करना है और साथ ही प्रसाद ब्रिकी पर भी कर देना है. इसका असर तमाम धार्मिक संस्थानों जैसे मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद और गिरजाघरों पर पड़ रहा है.

वे लिखते हैं कि धार्मिक संस्थानों द्वारा खरीदे गए सामानों पर जीसटी सही नहीं है. वे कहते हैं कि इन्हें दान से चलाया जाता है और कोई आय का स्त्रोत नहीं हैं. उन्होंने जेटली से इस मामले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है. सभी धार्मिक संस्थानों को जीसटी से मुक्त करने की मांग की है. उन्होंने प्रसाद की खरीद-बिक्री के साथ-साथ लंगर में खरीदे जाने वाले सामानों को जीएसटी मुक्त करने की मांग की है.

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