नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. पुलिस जहां तहां प्रदर्शकारियों को रोकने के लिए कार्रवाई कर रही है. इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि इस सरकार के पास कॉलेज, टेलिफोन और इंटरनेट बंद करने का हक नहीं है. मेट्रो स्टेशनों पर ट्रेनों को रोका जा रहा है. देश की आवाज दबाने के लिए धारा 144 लगाई जा रही है. शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को रोका जा रहा है. ऐसा करना भारत की आत्मा का अपमान करना है.
बता दें, नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शनों के मामले सामने आ रहे हैं. पूर्वोत्तर में जारी हिंसा की लपट पहले दिल्ली पहुंची, फिर उत्तर प्रदेश की राजधानी में भी हिंसा के मामले सामने आए. दिल्ली में भी हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. बेंगलुरू में भी नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. उधर मंगलोर में भी पुलिस कार्रवाई में दो युवकों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर है.
मंगलोर के पुलिस कमिश्नर ने कहा कि दो प्रदर्शनकारी गंभीर रूप से घायल हैं. उनका आईसीयू में इलाज चल रहा है. कमिश्नर ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस थाने पर हमला किया और आग लगा दी. अंत में पुलिस को भी कार्रवाई करनी पड़ी. पहले हवा में गोली चलाई गई. इसके बावजूद प्रदर्शनकारी हमले करते रहे. इसमें दो बुरी तरह घायल हो गए. इस घटना के बाद मंगलोर में शुक्रवार को स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं.
कांग्रेस अशांति को लेकर करेगी चर्चा
कांग्रेस के कई शीर्ष नेता गुरुवार शाम नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ अशांति को लेकर चर्चा करेंगे. पार्टी देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई के बीच विरोध कर रही है. पार्टी की ओर से बैठक के बाद इस मुद्दे पर एक बयान देने की उम्मीद है. कांग्रेस सीएए के खिलाफ विरोध को लेकर अग्रिम मोर्चे पर है और कांग्रेस के पूर्व सांसद व नेता संदीप दीक्षित को पुलिस ने हिरासत में लिया है.
इससे पहले, कांग्रेस राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर, उनसे सरकार को इस कानून को वापस लेने का निर्देश देने का आग्रह किया. हालांकि जिस कानून पर राष्ट्रपति हस्ताक्षर कर चुके हैं, उसे वह वापस लेने के लिए कहेंगे, इसकी संभावना कम है.
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