उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उपद्रवियों के पोस्टर लगाए जाने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रविवार को सख्त टिप्पणी की. कोर्ट ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी को तलब किया है. अदालत ने पूछा कि किस नियम के तहत फोटो लगाए गए. कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट किया कि सरकार के मुखिया और उनके अधिकारी खुद को संविधान से ऊपर समझने लगे हैं.
प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा कि यूपी की भाजपा सरकार का रवैया ऐसा है कि सरकार के मुखिया और उनके नक्शे कदम पर चलने वाले अधिकारी खुद को बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान से ऊपर समझने लगे हैं. उच्च न्यायालय ने सरकार को बताया है कि आप संविधान से ऊपर नहीं हो, आपकी जवाबदेही तय होगी.
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क्या है पूरा मामला
बता दें कि लखनऊ में दिसंबर में नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान उपद्रवियों ने लखनऊ में सरकारी संस्थाओं को नुकसान पहुंचाया था. जिला प्रशासन ने सीएए विरोधी उपद्रवियों की पहचान के लिए शहर में पोस्टर लगाए हैं. रविवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होगी. सुनवाई से पहले ही कोर्ट ने ये सख्त टिप्पणी की. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है.
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नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ भड़की हिंसा में नुकसान की भरपाई के लिए तोड़फोड़ और आगजनी करने वाले 53 आरोपियों के पोस्टर लगाए गए. लखनऊ में 19 दिसंबर को सड़कों पर जमकर आगजनी और तोड़फोड़ की गई थी.
हिंसा में निजी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों में ट्रांस गोमती के 13, हजरतगंज के 24 और पुराने लखनऊ के 16 उपद्रवियों के पोस्टर लगाए गए हैं. हजरतगंज चौराहे समेत शहर के 12 से ज्यादा इलाकों में उपद्रवियों के पोस्टर लगाए गए हैं.
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