CAA के खिलाफ देशभर में भड़की हिंसा पर PFI की भूमिका की होगी जांच

नागरिकता संशोधन अधिनियम के हिंसक होने के बाद देश के अलग-अलग राज्यों में हिंसक झड़पों के मामले सामने आए हैं. सूत्रों के मुताबिक सात राज्यों में हुई हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की सक्रिय भूमिका रही है

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सीएए के विरोध में सड़क पर लोग (फाइल फोटो- PTI) सीएए के विरोध में सड़क पर लोग (फाइल फोटो- PTI)

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 24 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:42 PM IST

नागरिकता संशोधन अधिनियम के हिंसक होने के बाद देश के अलग-अलग राज्यों में हिंसक झड़पों के मामले सामने आए हैं. सूत्रों के मुताबिक 7 राज्यों में हुई हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की सक्रिय भूमिका रही है.

लखनऊ पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है और दावा किया कि राजधानी में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों के दौरान गुरुवार को हिंसा का मास्टरमाइंड यही संगठन है. राजधानी में हुए सीएए विरोधी प्रदर्शनों में गुरुवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई और 50 लोग घायल हो गए थे.

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इन राज्यों में पीएफआई कार्यकर्ता लगातार सक्रिय रहे हैं. दिल्ली, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, केरल, झारंखड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में यह संगठन सक्रिय है.

देश में भड़की हिंसा में कई जगहों पर इस संगठन के कार्यकर्ता शामिल थे. मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC) की रिपोर्ट के मुताबिक PFI से जुड़े लोगों ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मीटिंग की थी.

सूत्रों का दावा है कि नागरिकता कानून बनने से पहले ही पीएफआई से जुड़े हुए लोगों ने असम और पश्चिम बंगाल में इस कानून के विरोध में आम लोगों के बीच में पर्चे बांटे थे.

यूपी पुलिस ने इस संगठन से जुड़ने के शक में 3 लोगों को गिरफ्तार भी किया है. पुलिस पीएफआई की भूमिका की जांच करेगी. गिरफ्तार लोगों की पहचान पीएफआई अध्यक्ष वसीम अहमद, कोषाध्यक्ष नदीम, मंडल अध्यक्ष अशफाक के रूप में हुई है.

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लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कलानिधि नैथानी ने कहा कि पीएफआई सदस्यों ने पूरे शहर में कई बैठकें कीं. उन्होंने कहा कि पुलिस को इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और प्रत्यक्षदर्शियों के माध्यम से ठोस सबूत मिले हैं.

एसएसपी ने कहा, 'पीएफआई ने विभिन्न कॉलोनियों सीएए और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से संबंधित आपत्तिजनक जानकारियों की पंपलेट, तख्तियां और अन्य वस्तुएं वितरित कीं तथा सोशल मीडिया पर प्रसारित कीं.'

उन्होंने कहा कि पीएफआई कार्यकर्ताओं ने रिहाई मंच समेत अन्य संगठनों के साथ शहर में भीड़ इकट्ठी की. रिहाई मंच का एक कार्यकर्ता रॉबिन वर्मा पहले ही जेल में है.

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